नागरिक संगठन ने प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिख फंसा कर्ज समाधान प्रणाली पर उठाए सवाल

कोलकाता: एक नागरिक समाज संगठन ने भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर बैंकों के फंसे कर्जों के लिए लागू वित्तीय समाधान प्रणाली का स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायिक जांच करने का आग्रह किया है। ‘बैंक बचाओ देश बचाओ मंच’ ने इस पत्र में कहा कि उच्चतम न्यायालय को ऐसे हर वित्तीय.

कोलकाता: एक नागरिक समाज संगठन ने भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर बैंकों के फंसे कर्जों के लिए लागू वित्तीय समाधान प्रणाली का स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायिक जांच करने का आग्रह किया है। ‘बैंक बचाओ देश बचाओ मंच’ ने इस पत्र में कहा कि उच्चतम न्यायालय को ऐसे हर वित्तीय समाधानों की जांच शुरू करनी चाहिए जिनमें बैंकों को ‘भारी नुकसान’ उठाना पड़ा है।
मंच के संयुक्त संयोजक विश्वरंजन रे और सौम्य दत्ता ने पत्र में कहा है कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 2.09 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाला था। मंच ने दावा किया कि फंसे कर्जों के निपटान के लिए लागू प्रणाली ‘बुरी तरह विफल रही है।
पत्र में कहा गया, ऐसी आशंका है कि कर्ज भुगतान में इरादतन चूक करने वालों और संकटग्रस्त संपत्ति खरीदने वाली कंपनियों को इस व्यवस्था से फायदा पहुंच रहा है। इस प्रणाली को राष्ट्रीय खजाने की लूट के लिए बनाया गया है ताकि कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचे। इसके साथ ही मंच ने राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण किए जाने के विचार का भी विरोध किया है।
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