भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक होगी 34.7 लाख करोड़ डॉलर: PHDCCI

पीएचडीसीसीआई ने ‘2047 तक विकसित भारत’ का रूपरेखा पेश करते हुये कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद कोविड महामारी के बाद मजबूती से आगे बढ रही है।

नयी दिल्ली: उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने वर्ष 2047 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को विकसित भारत की ओर ले जाने के लिए आज 10 प्रमुख कारकों की घोषणा की जिनमें व्यापार करने में आसानी, पूंजी, बिजली, लॉजिस्टिक्स, भूमि की लागत जैसी व्यापार करने की लागत को कम करना शामिल है।

पीएचडीसीसीआई ने ‘2047 तक विकसित भारत’ का रूपरेखा पेश करते हुये कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद कोविड महामारी के बाद मजबूती से आगे बढ रही है। उसने कहा कि वर्ष 2047 तक प्रति व्यक्ति आय 21000 डॉलर के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था 34.7 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी।

संगठन के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में इसको जारी करते हुये कहा “ हमने 10 प्रमुख कारको की पहचान की है जो अर्थव्यवस्था को 2047 तक विकसित भारत की ओर ले जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि फैक्ट्री स्तर पर व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना। पूंजी की लागत, कच्चे माल की लागत, भूमि की लागत और भूमि की उपलब्धता, श्रम की लागत और कुशल श्रम की उपलब्धता तथा अनुपालन की लागत सहित व्यवसाय करने की लागत को कम करना पहला और बुनियादी प्रमुख क्षेत्र है जिस पर सरकार का ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इससे विश्व स्तर पर एक अग्रणी निर्माता के रूप में भारत की प्रमुखता बढ़ेगी। स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को निरंतर सहायता देना भी महत्वपूर्ण है। कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए सुधार प्राथमिकता के आधार पर होने चाहिए क्योंकि इससे भारत को विकसित भारत बनने में मदद मिलेगी।

अग्रवाल ने कहा कि इसके साथ ही विभिन्न सरकारी पदों पर भी भर्ती किये जाने की जरूरत है जिनमें न्यायपालिका, पुलिस, चिकित्सा और सैन्य तथा अर्ध-सैन्य बल एवं शिक्षा क्षेत्र आदि सहित राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर रिक्त पदों को भरना शामिल है।

उन्होंने कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), इंटरनेट पहुंच बढ़ाने, विश्व स्तरीय लॉजिस्टिक तकनीकों को अपनाने सहित आधुनिक तकनीकों को अपना रहा है। वर्ष 2047 तक सरकारी एआई रेडीनेस इंडेक्स में भारत का स्थान शीर्ष 5 देशों में होगा जबकि निर्यात का आकार 10 लाख करोड़ डॉलर होगा और ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में शीर्ष पांच देशों में शामिल होगा।

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