आवश्यक सामग्री 1 कप मसूर दाल नमक स्वादानुसार 1/2 टेबलस्पून जीरा 1/2 टेबलस्पून लाल मिर्च पाउडर 1 चुटकी बेकिंग सोडा 1टेबलस्पून चाट मसाला 1 टेबलस्पून काली मिर्च 2 कप तेल 2 टेबलस्पून सूजी 2 टेबलस्पून गेहूं का आटा बनाने की विधि – मसूर दाल से चिप्स बनाने के लिए सबसे पहले आप मसूर दाल को.
आई मेकअप करना हर किसी को पसंद होता है और खासतौर से ग्लिटर आईशैडो। ग्लिटर आईशैडो चेहरे को अनाकर्षक बना सकता है। इसके लिए सही रंग के चुनाव के अलावा ब्रैंड और प्रोडक्ट क्वॉलिटी की जांच भी ज्ररूरी है ताकि आपकी आंखें सुरक्षित रहें और खूबसूरत भी दिखें। आज हम आप आईशैडो लगाने का सही.
सामग्री दूध- 1/2 लीटर स्ट्ऱॉबेरी फ्लेवर कस्टर्ड पाउडर- 3 बड़े चम्मच स्ट्रॉबरी फ्लेवर्ड जैली- 1/2 कप स्ट्रॉबरी – 1/4 कप (कटी हुई) विधि 1. सबसे पहले एक बाउल में आधा कप पानी और कस्टर्ड पाउडर घोल बनाएं। 2. अब पैन में दूध गर्म करके कस्टर्ड को घोल मिलाएं। 3. इसे गाढ़ा होने तक पकाएं। 4..
वातावरण में प्रदूषण बढ़ने से हवा दूषित होती है जिसके कारण आंखों में जलन और खुजली जैसी समस्या हो जाती है। आखों में जलन होना एक आम बात है क्योकि ये फोन या अन्य किसी स्क्रीन पर काम करने से भी हो सकती है। कभी-कभी ये परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि आंखों से पानी.
जैसे कि आप सब जानते है कि होली का त्योहार इस साल 8 मार्च को मनाया जाएगा। होली में सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाकर खूब मस्ती करते हैं।होली का त्योहार मजेदार बनाने के लिए लोगों ने पहले से ही खूब तैयारियां करनी शुरू कर दी है। रंग लगाना हर किसी को पसंद होता.
दही खाना हर किसी को पसंद होता है। इसका इस्तेमाल कई परजर के खाने के व्यंजनों में किया जाता है। दही हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है इसमें मौजूद तत्व शरीर को कई तरीके से फायदा पहुंचाते हैं।दही प्रो-बायोटिक फूड कैल्शियम से भरपूर होता है। चलिए अब इसी के साथ जानते हैं इससे.
गर्मियों का मौसम आ रहा है और इस मौसम में आम जैसे मीठे फल भी आने शुरू हो जाएंगे। आम को फलों का राजा माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये बेहद मीठा और स्वादिष्ट होता है। इसका सेवन हर कोई बेहद शौंक से करता है। ये ना सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि इससे कई तरह.
नई दिल्लीः भारतीय पारंपरिक आयुव्रेद का एक फॉमरूला नीरी केएफटी गुर्दे (किडनी) की शिथिलता का कारण बनने वाले छह जीन स्वरूपों को नियंत्रित करने में प्रभावी पाया गया है। विश्व गुर्दा दिवस (नौ मार्च) से पहले किये गये एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह बात कही है। जामिया हमदर्द के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) के.