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इस मशहूर अभिनेता का हुआ निधन, कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद दुनिया को कहा अलविदा

चेन्नई : कराटे और तीरंदाजी में महारत हासिल करने वाले अभिनेता शिहान हुसैनी का रक्त कैंसर से लंबे समय तक जूझने के बाद चेन्नई स्थित एक निजी अस्पताल में मंगलवार तड़के निधन हो गया। परिजनो ने यह जानकारी दी। वह 60 वर्ष के थे। शिहान हुसैनी एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे, जिन्हें मूर्तिकारी,.

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चेन्नई : कराटे और तीरंदाजी में महारत हासिल करने वाले अभिनेता शिहान हुसैनी का रक्त कैंसर से लंबे समय तक जूझने के बाद चेन्नई स्थित एक निजी अस्पताल में मंगलवार तड़के निधन हो गया। परिजनो ने यह जानकारी दी। वह 60 वर्ष के थे। शिहान हुसैनी एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे, जिन्हें मूर्तिकारी, चित्रकारी, मार्शल आर्ट और तीरंदाजी में विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया।

उनके परिवार में उनकी पत्नी और बेटी हैं। परिवार ने उनके फेसबुक पोस्ट के जरिए यह दुखद समाचार साझा किया। उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे यह बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि हुसैनी हमें छोड़कर चले गए।’’ तमिलनाडु तीरंदाजी संघ (टीएएटी) के प्रवक्ता अश्विन कुमार अय्यर ने कहा, ‘‘टीएएटी के संस्थापक और महासचिव शिहान हुसैनी का देर रात एक बजकर 45 मिनट पर निधन हो गया।’’

हुसैनी ने ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) के बावजूद अपने शरीर को चिकित्सा अनुसंधान के लिए दान करने का निर्णय लिया। अय्यर ने बताया, ‘‘चिकित्सक तय करेंगे कि कौन सा अंग निकाला जा सकता है और उसके बाद शव को उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा।’’ अभिनेता के पार्थिव शरीर को उनके विद्यार्थियों और अन्य लोगों के अंतिम दर्शन के लिए शाम सात बजे तक बेसेंट नगर स्थित उनके घर पर रखा जाएगा। इसके बाद पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए मदुरै ले जाया जाएगा।

तीरंदाजी के कई चैंपियन हुए तैयार

परिवार ने अपील की, ‘‘जो कोई भी शिहान को श्रद्धांजलि देने उनके घर आ रहे हैं, कृपया अपनी पोशाक में आएं (कोई भी रंग ठीक है)। यदि संभव हो तो अपने धनुष और बाण के साथ आएं और कुछ तीर चलाएं.. सभी तीरंदाज शाम पांच बजे कुछ तीर चलाएं। सभी कराटे प्रस्तुतकर्ता दोपहर तीन बजे एकत्र हों और कराटे में अपनी दक्षता का प्रदर्शन करें।

अय्यर ने कहा कि तमिलनाडु में तीरंदाजी की स्थापना और विकास के पीछे शिहान हुसैनी का बड़ा योगदान था और उनके अथक प्रयासों से राज्य में तीरंदाजी के कई चैंपियन तैयार हुए जिन्होंने राज्य और देश का गौरव बढ़ाया। हुसैनी की पहचान कराटे प्रशिक्षक के रूप में बनी थी।

उन्होंने 101 कारों से अपने हाथ को कुचलवाकर, 5,000 टाइलें और 1,000 ईंटें तोड़कर अपनी अद्भुत शक्ति का प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कमल हासन की ‘पुन्नागई मन्नन’ (1986) से की और रजनीकांत की ‘वेलाइकरन’ सहित कई फिल्मों में काम किया।

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