इस दिन मनाई जा रही है आमलकी एकादशी, जानिए इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा का महत्व

हर साल आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 03 मार्च दिन शुक्रवार को रखा जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु जी और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को रखता है उसे स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।.

हर साल आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 03 मार्च दिन शुक्रवार को रखा जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु जी और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को रखता है उसे स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन आंवले की पूजा का विशेष महत्व माना गया है क्योंकि भगवान विष्णु जी को आंवले का भोग लगाया जाता है। आइए जानते है क्यों इस दिन माना जाता है आंवले की पूजा को इतना महत्वपूर्ण:

आमलकी एकादशी पर आंवले की पूजा का महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार, सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्म देव की उत्पत्ति भगवान विष्णु के नाभि से हो चुकी थी. ब्रह्म देव अपनी उत्पत्ति के उद्देश्य को नहीं जानते थे. वे जानना चाहते थे कि उनका जन्म कैसे हुआ? जन्म का कारण क्या है? उनमें मन में कई प्रकार के प्रश्न थे, उनके उत्तर के लिए उन्होंने कठोर तपस्या शुरू की.

वे कई वर्षों तक भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तपस्या करते रहे. एक दिन भगवान विष्णु उन पर प्रसन्न हुए और उन्होंने दर्शन दिया. भगवान विष्णु को देखकर ब्रह्मा जी के अश्रु बहने लगे. ब्रह्म देव के उन अश्रुओं से ही आंवले का पेड़ जन्मा.

भगवान विष्णु ने आंवले के पेड़ को देव पेड़ बताते हुए कहा कि इस वृक्ष में देवी-देवाताओं का वास होगा. जो भी मनुष्य आंवले के पेड़ के नीचे उनकी पूजा करेगा और व्रत रखेगा. उसके समस्त पाप मिट जाएंगे और वह मोक्ष को प्राप्त करके स्वर्ग का अधिकारी बनेगा. तब से हर साल फाल्गुन शुक्ल एकादशी को आमलकी एकादशी व्रत रखा जाने लगा और आंवले के पेड़ की पूजा होने लगी. आवला नवमी के दिन भी आंवले के पेड़ की पूजा होती है.

आमलकी एकादशी मुहूर्त 2023
आमलकी एकादशी तिथि की शुरूआत: 02 मार्च को सुबह 06:39 बजे से
आमलकी एकादशी तिथि की समाप्ति: 03 मार्च को सुबह 09:11 बजे पर
आमलकी एकादशी पर विष्णु पूजा का मुहूर्त: सुबह 06:45 बजे से सुबह 11:06 बजे तक

आमलकी एकादशी व्रत का पारण
04 मार्च को आमलकी एकादशी व्रत का पारण विधिपूर्वक किया जाएगा. इस दिन पारण का समय सुबह 06 बजकर 44 मिनट से सुबह 09 बजकर 03 मिनट के बीच का है. इस समय में पारण करके व्रत को पूरा कर लेना चाहिए.

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