जानिए किसे मानते है भगवान विष्णु जी अपना सबसे प्रिय भक्त

हर समय नारायण, नारायण की रट लगाने वाले श्रीहरि भक्त नारद मुनि ने भगवान विष्णु से जिज्ञासावश पूछा, ’प्रभु जरा बताओ, तो इस संसार में आपका सबसे प्रिय भक्त कौन है?‘ यह सुनकर भगवान विष्णु मुस्कराये और बोले, ’मेरा सबसे बड़ा भक्त गांव में रह रहा अमुक किसान है।’ यह उत्तर सुनकर नारद मुनि चकरा.

हर समय नारायण, नारायण की रट लगाने वाले श्रीहरि भक्त नारद मुनि ने भगवान विष्णु से जिज्ञासावश पूछा, ’प्रभु जरा बताओ, तो इस संसार में आपका सबसे प्रिय भक्त कौन है?‘ यह सुनकर भगवान विष्णु मुस्कराये और बोले, ’मेरा सबसे बड़ा भक्त गांव में रह रहा अमुक किसान है।’ यह उत्तर सुनकर नारद मुनि चकरा गए और भगवान विष्णु के सबसे प्रिय भक्त किसान को देखने के लिए निकल पड़े।

गांव में अमुक किसान की दिनचर्या जब नारदमुनि ने देखी तो उन्हें किसान किसी भी स्तर पर भगवान विष्णु का भक्त नजर नहीं आया। किसान सुबह से उठकर शाम तक खेतों में काम करता और सिर्फ रात को सोने से पहले भगवान विष्णु का एक बार नाम लेकर सो जाता। नारद मुनि पुन: जिज्ञासा लेकर भगवान विष्णु की शरण में गए और शिकायत की कि प्रभु किसान आपका केवल एक बार नाम लेता है जबकि मैं हर समय आपका नाम जपता रहता हूँ, फिर भी आपको मुझसे ज्यादा वह किसान प्रिय है, आखिर क्यों? इस पर भगवान विष्णु ने नारद मुनि से कहा कि यह तेल भरी कटोरी अपनी हथेली पर उठाकर ब्रह्माण्ड के सात चक्कर लगाकर आओ किंतु ध्यान रहे कटोरी में एक बून्द भी छलकने न पाए। नारदमुनि ने ऐसा ही किया।

सात चक्कर ब्रह्माण्ड के लगाकर वह लौटे तो भगवान विष्णु ने पूछा, ’नारद जी, ये चक्कर लगाते समय आपने मेरा नाम कितनी बार लिया? नारदजी बोले, प्रभु मैंने तो इस दौरान आपका एक बार भी नाम नहीं लिया क्योंकि मेरा ध्यान तो तेल भरी कटोरी पर था। देखो, मैंने एक बूंद तेल भी नहीं छलकने दिया।’ भगवान विष्णु बोले, ’देखो, तुमने काम करते समय एक बार भी मेरा नाम नहीं लिया जबकि वह किसान पूरा दिन काम करने के बाद भी एक बार ही सही, कम से कम मेरा नाम तो सच्चे भाव से ले रहा है। अब तुम्ही बताओ प्रिय भक्त कौन हुआ, ’तुम या वह किसान?‘ नारद मुनि भगवान विष्णु के श्रीमुख से सच्चाई सुनकर उनके सामने नत्मस्तक हो गए।

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