गर्भवती औरतें हो जाए सावधान, लगने जा रहा साल का आखरी चंद्र ग्रहण, भूल कर भी न करें ये गलतियां

धर्म डेस्क : चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण गर्भवती औरतों को इस दिन खास ध्यान रखना पड़ता है। अभी 3 दिन पहले यानि 15 अक्तूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था और अब शरद पूर्णिमा के दिन दशहरे के बाद साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। अक्तूबर का.

धर्म डेस्क : चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण गर्भवती औरतों को इस दिन खास ध्यान रखना पड़ता है। अभी 3 दिन पहले यानि 15 अक्तूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था और अब शरद पूर्णिमा के दिन दशहरे के बाद साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। अक्तूबर का महीन त्योहारो और ग्रहण के नजरिए से बहुत ही खास है। आइए जानते हैं कि यह चंद्र ग्रहण कब लगने जा रहा है और इसका किस-किस पर असर पड़ेगा।

कब लगेगा चंद्र ग्रहण?
इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्तूबर की रात 1:05 बजे शुरू होगा जो रात 2:24 बजे समाप्त होगा। यह चंद्र ग्रहण साल 2023 का दूसरा और आखिरी ग्रहण होगा।

भारत में दिखाई देगा या नहीं?
जैसा की आपको पता है कि इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्तूबर को लग रहा है। भारत के साथ ही साल का अंतिम ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका, उत्तर व पूर्व दक्षिण अमेरिका, अटलांटिका महासागर, हिंद महासागर, अंटार्कटिका में भी देखा जा सकेगा। भारत में ग्रहण दिखाई देने के कारण इसका सूतक काल मान्य होगा।

सूतक काल
आपकी शायद पता होगा कि धार्मिक मान्याताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। चूंकि इसका असर भारत के कई हिस्सों में होगा, इसलिए सूतक काल 28 अक्तूबर को शाम 4:05 बजे से लागू हो जाएगा। सूतक लगने के बाद किसी भी तरह का धार्मिक अनुष्ठान या पूजा-पाठ करना वर्जित होता है।

गर्भवती महिलाऐं इन बातों का रखें ध्यान
ग्रहण और सूतक काल का असर सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है। उन्हें इस दौरान खास सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ सकता है।
* ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
* तेजधार या नुकीली चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
* मंत्रों का जाप करना चाहिए और अपने पास एक नारियल रखना चाहिए।
* ग्रहण में सूतक के दौरान पके हुए भोजन को ग्रहण समाप्त होने के बाद भी न खाएं।
* दूध, पानी, दही आदि जैसे पदार्थों में ग्रहण लगने से पहले तुलसी के पत्ते डालकर रख दें। इसके बाद आप ग्रहण खत्म होने के बाद इन चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
* सूतक लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें। क्योंकि सूतक लगते ही तुलसी पौधे को स्पर्श न करें और न ही तुलसी पूजन करें।
* सूतक काल में भगवान की पूजा भी नहीं करनी चाहिए। इसलिए पूजाघर में पर्दे लगा दें और ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें।

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