Indian Railway Shortest Train: देश की भारतीय रेल एक ऐसे ट्रैन है जिसमे हर किसी ने कभी न कभी सफर जरूर किया होता है। यह ट्रैन हजारों लोगों को उसके मज़िल तक पहुँचाती है। लेकिन आज हम एक ऐसे ट्रेन की बात करने जा रहा है जो अपने मात्र हाथ दिखने से ही रुक आती है या तो यूं कह ले की ट्रेन अपने यात्रियों को लिफ्ट देती है। देखा जाए तो आम तौर पर ऐसा देखने को नहीं मिलता है। आप बस, कार, बाइक जैसी गाड़ियों से हाथ दिखाकर लिफ्ट मांग सकते हैं लेकिन अपने कभी ट्रेन से लिफ्ट मांगी है क्या?
इस ट्रेन का नाम एट-कोंच शटल ट्रेन है जो जालौन में कोंच नगर से सरसौकी स्टेशन पर लिए शुरू हुई है। दरसअल यह ट्रेन अंग्रेजों के जमाने की है जिसे 1902 में ब्रिटिश अफसरों ने शुरू की थी। जो 1917 के बाद कुछ सालों के बाद बंद हो गयी जिसे अब फिर से शुरू कर दिया गया है।
बता दें यह ट्रेन उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में कोंच से एट तक चलती है। जो केवल 3 किलोमीटर की दूरी तय करती थी, जिससे लगातार घाटे होने के वजह से इसे बंद करना पड़ा। लेकिन लोगो के बिच इसकी डिमांड बहुत थी जिसके बाद इसे फिर से शुरू किया गया। अब यह ट्रेन जालौन में कोंच नगर से सरसौकी स्टेशन तक चलती है।
इसमें इंजन के अलावा 3 कोच है जो सिर्फ 30 किमी प्रति घंटे की है। बता दें 13 किमी की दूरी को यह ट्रेन 35 मिनट में पूरा करती है। वहीं इस ट्रैन की खास बात यह है की यदि कोई यात्री छूट जाए तो ये ट्रेन रुककर उसे चढ़ने का मौका जरूर देती है।
बता दे यह ट्रैन हर रोज दो बार कोंच से सरसौकी तक चलती है। वही कोंच ओर एट स्टेशन के बीच में कोई स्टेशन नहीं आता है और ना ही कोई स्टॉपेज है लेकिन इसके बावजूद भी अगर कोई यात्री लोको पायलट को बीच में हाथ देता है तो ट्रेन को रोककर यात्री को ट्रेन में चढ़ने का मौका देती है।
यह एकलौती ऐसी ट्रेन है जो एट से कोंच के लिए जाती है। बता दे यह ट्रेन इस रुट पर पड़ने वाले गांव के किसानों, छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों के लिए लाइफ लाइन है। जिसका किराया केवल10 से 15 रुपये है।