राष्ट्रीय कायाकल्प से युवाओं के लिए विशाल मंच है तैयार

चीन और भारत के लोग जो साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद द्वारा उत्पीड़ित थे, उनके लिए पिछड़ेपन से छुटकारा पाना और दुनिया में व्यापक रूप से सम्मानित देश बनना उनका सबसे गहरा आदर्श है। और यह भी पिछली सदी से उन के अपने राष्ट्रीय पुनरोद्धार के लिए प्रयास करने की मौलिक प्रेरक शक्ति है। सन 1980 के.

चीन और भारत के लोग जो साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद द्वारा उत्पीड़ित थे, उनके लिए पिछड़ेपन से छुटकारा पाना और दुनिया में व्यापक रूप से सम्मानित देश बनना उनका सबसे गहरा आदर्श है। और यह भी पिछली सदी से उन के अपने राष्ट्रीय पुनरोद्धार के लिए प्रयास करने की मौलिक प्रेरक शक्ति है।

सन 1980 के दशक में आर्थिक सुधार और खुलेपन की नीति अपनाने से, चीन में प्रति व्यक्ति के लिए आय औ जीवन स्तर की बड़ी छलांग लगी। चीन की व्यापक राष्ट्रीय शक्ति तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव काफी बढ़ गया है। वर्तमान में, चीन दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक देश है, सबसे शक्तिशाली विनिर्माण उद्योग देश है, इसकी आर्थिक समग्रता दुनिया में दूसरे स्थान पर है। 2013 से 2021 तक, विश्व आर्थिक विकास में चीन की औसत योगदान दर 38.6% तक पहुंच गई, जो G7 देशों की योगदान दरों के योग से अधिक है। 2021 तक, चीन की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) 11,890 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गयी, और 2022 में  चीन की प्रति व्यक्ति के लिए जीडीपी 12,700 अमेरिकी डॉलर तक रही, जो दुनिया में 65वें स्थान पर है।

विदेशी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 2022 में भारत की जीडीपी यूनाइटेड किंगडम को पार कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गयी। भारत की 2027 तक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2029 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षी योजना भी है। चाहे चीन हो या भारत, तेज आर्थिक विकास को लोगों के संघर्ष और मेहनत से अलग नहीं हो सकता है। भारत के प्रधान मंत्री जी की आशा है कि “भारत 2047 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा”। यह सब निराधार कल्पना नहीं है। साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद के एशिया पर आक्रमण करने से पहले के युग में, चीन और भारत एक बार वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक तिहाई और एक चौथाई के लिए जिम्मेदार थे। अब हम जो हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, वह सिर्फ उस स्थल में लौटना है, जिस पर हम एक बार पहुंचे थे।

राष्ट्रों के कायाकल्प ने युवाओं के लिए विशाल मंच प्रदान किया है। उच्च तकनीक का तेज़ी से विकास युवा लोगों की विशेषताओं के लिए अधिक उपयुक्त है। उदाहरण के लिए, OpenAI कंपनी द्वारा लॉन्च किया गया ChatGPT के R&D टीम के सदस्यों की औसत आयु केवल 32 साल है। यह देखा जा सकता है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से युवाओं की सफलता के लिए विशाल मंच प्रदान किया गया है। चीन और भारत दोनों वर्तमान में उच्च प्रौद्योगिकी विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं, और कोर प्रौद्योगिकी में महारत हासिल करना दोनों देशों के वैज्ञानिक और तकनीकी हलकों का लक्ष्य है। दीर्घकालिक और स्थिर आर्थिक विकास प्राप्त करने और राष्ट्रीय कायाकल्प के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक अच्छा अंतर्राष्ट्रीय विकास वातावरण अनिवार्य है। इसलिए, चीन और भारत को विकासशील देशों के लिए फायदेमंद आवाज उठाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

राष्ट्रीय समृद्धि, राष्ट्रीय कायाकल्प और लोगों की खुशी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। साम्राज्यवादी और उपनिवेशवादी आक्रामकता और उत्पीड़न से पीड़ित देशों के लोगों के लिए, एक शक्तिशाली देश हमारे शांतिपूर्ण जीवन की नींव और गारंटी है। एक शक्तिशाली देश का सदियों पुराना सपना चीन और भारत के युवा लोगों के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा है। अपने आर्थिक विकास की प्रक्रिया में, चीन पूरी दुनिया के साथ सहयोग करने और स्थायी शांति और आम समृद्धि के काम में अधिक से अधिक योगदान देने को तैयार है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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