Peruvian Media : स्थानीय समय के अनुसार, 14 नवंबर को पेरू की राजकीय यात्रा और एपेक नेताओं की 31वीं अनौपचारिक बैठक में भाग लेने के लिए लीमा गये चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का पेरू के अखबार पेरूवासी में “चीन और पेरू के बीच दोस्ती के जहाज को दूर चलने दो” शीर्षक एक हस्ताक्षरित लेख प्रकाशित हुआ।
लेख में कहा गया है कि चीन के राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद यह मेरी दूसरी पेरू यात्रा है, जो प्रशांत क्षेत्र में चीन का “पड़ोसी” है। इस स्थान ने कैरल, चाविन, चिमू और इंका जैसी प्राचीन सभ्यताओं को जन्म दिया। यहां के लोग प्यार से चीनियों को “साथी” कहते हैं। यहां की कांग्रेस ने हर साल 1 फरवरी को “पेरू-चीन मैत्री दिन” के रूप में नामित करने का प्रस्ताव पारित किया है।” जब भी मैं पेरू आता हूं, मैं पेरू के लोगों और चीनी लोगों के बीच मित्रता को गहराई से महसूस करता हूं।
शी ने अपनी लेख में आगे लिखा है कि यह दोस्ती प्राचीन सभ्यताओं के ज्ञान में निहित है। चीनी सभ्यता दुनिया की एकमात्र सभ्यता है जो बिना किसी रुकावट के 5,000 से अधिक वर्षों तक चली है। कैरल सभ्यता के नेतृत्व वाली समुद्री सभ्यता और इंका सभ्यता के नेतृत्व वाली भूमि सभ्यता पेरू की सभ्यता के इतिहास और समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करती है।
यह दोस्ती दूर के इतिहास से विरासत में मिली है। चीन और पेरू के लोग जब एक-दूसरे को देखते हैं तो “बहुत करीब” महसूस करते हैं, और जब वे एक-दूसरे के सांस्कृतिक अवशेषों को देखते हैं, तो उन्हें ऐसा लगता है जैसे उन्होंने इसे पहले भी देखा है।
यह मित्रता पारस्परिक रूप से लाभप्रद और जीत-जीत वाले सहयोग में गहरी है। पेरू नए चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले लैटिन अमेरिकी देशों में से एक था। आधी सदी से भी अधिक समय से, चीन-पेरू संबंध लगातार आगे बढ़ रहे हैं, खासकर 2013 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के बाद से, द्विपक्षीय संबंध लगातार गहरे हुए हैं और व्यावहारिक सहयोग के फलदायी परिणाम मिले हैं, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।
लेख के अनुसार 2008 और 2016 में एपेक नेताओं की अनौपचारिक बैठक की सफलतापूर्वक मेजबानी करने के बाद, पेरू तीसरी बार इस महत्वपूर्ण बैठक की मेजबानी करेगा। चीन सम्मेलन की मेजबानी में पेरू का दृढ़ता से समर्थन करता है और पेरू के साथ घनिष्ठ सहयोग करते हुए सम्मेलन में सकारात्मक परिणाम की प्राप्ति को बढ़ावा देने, एशिया-प्रशांत सहयोग में नया “लीमा चिह्न” छोड़ने और एशिया-प्रशांत साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण बढ़ाने में नया योगदान देने को तैयार है।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)