Thailand में विशालकाय मादा पांडा की मौत

बैंकॉक : उत्तरी थाईलैंड के एक चिड़ियाघर में बुधवार को एक विशालकाय मादा पांडा की मौत हो गयी। चियांग माई चिड़ियाघर के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक इस मादा पांडा का नाम ‘लिन हुई’ था। इसे अस्थायी प्रवास के लिए चीन से यहां लाया गया था और इसे छह महीने बाद चीन.

बैंकॉक : उत्तरी थाईलैंड के एक चिड़ियाघर में बुधवार को एक विशालकाय मादा पांडा की मौत हो गयी। चियांग माई चिड़ियाघर के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक इस मादा पांडा का नाम ‘लिन हुई’ था। इसे अस्थायी प्रवास के लिए चीन से यहां लाया गया था और इसे छह महीने बाद चीन वापस लौटना था। चिड़ियाघर के निदेशक वुथिचाई मुआंगमुन ने कहा कि लिन हुई की मौत का कारण तत्काल स्पष्ट नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि वह मंगलवार सुबह से ही बीमार हो गई थी। भोजन करने के बाद पांडा की नाक से खून निकलने लगा था।

वुथिचाई मुआंगमुन ने कहा कि पांडा का इलाज एक संयुक्त थाई-चीनी पशु चिकित्सक टीम ने किया लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गई और बुधवार की सुबह उसकी मौत हो गई। चियांग माई चिड़ियाघर के फेसबुक पेज पर प्रसारित एक संवाददाता सम्मेलन में पशु चिकित्सक तेवरत वेजमानत ने कहा कि मादा पांडा की प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच की जा रही थी और उसकी उम्र 21 वर्ष हो चुकी थी। अचानक बीमार होने से पहले उसमें किसी प्रकार की बीमारी का कोई लक्षण नहीं था।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘‘चीन विशालकाय मादा पांडा ‘लिन हुई’ की मौत से काफी निराश है। पांडा के बीमार होने की जानकारी मिलने पर हमने वीडियो लिंक के माध्यम से बचाव कार्य के उद्देश्य से थाईलैंड के पशु चिकित्सकों का मार्गदर्शन करने के लिए तुरंत विशेषज्ञों को एकजुट किया, लेकिन दुर्भाग्य से उसकी जान नहीं बची।’’

उन्होंने कहा कि चीनी अधिकारी जल्द ही पांडा की मौत के कारणों की संयुक्त जांच करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम का गठन करेंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2003 में चियांग माई चिड़ियाघर में नर और मादा पांडा की एक जोड़ी को 10 साल की अवधि के लिए चीन से लाया गया था। इस अवधि को 10 साल और बढ़ा दिया गया था। नर पांडा की 19 साल की उम्र में 2019 में मौत हो गयी थी।

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