तिब्बत में मानवाधिकार का कैसा विकास हुआ है

कुछ पश्चिमी मीडिया की राय में, चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया है। तो, तिब्बत में वास्तविक मानवाधिकार स्थिति क्या है? वास्तविक मानवाधिकार किसके पास हैं? पुराने तिब्बत के भू-दास, या आम तिब्बती लोगों के पास जो देश के स्वामी बन गए हैं? इस मुद्दे पर बात करने.

कुछ पश्चिमी मीडिया की राय में, चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया है। तो, तिब्बत में वास्तविक मानवाधिकार स्थिति क्या है? वास्तविक मानवाधिकार किसके पास हैं? पुराने तिब्बत के भू-दास, या आम तिब्बती लोगों के पास जो देश के स्वामी बन गए हैं? इस मुद्दे पर बात करने का अधिकार केवल तिब्बती लोगों को होता है।

तिब्बत में पोटाला पैलेस, जोखांग मंदिर और रोबी लिंका जैसे कई वास्तुशिल्प खजाने हैं, लेकिन पुराने तिब्बत के काल में केवल कुलीन लोग ही इन शानदार इमारतों का आनंद लेते थे। पर आज तिब्बत के शहरी और ग्रामीण इलाकों में आप देख सकते हैं कि अधिकांश सामान्य तिब्बती दो-तीन मंजिला तिब्बती शैली की इमारतों में रहते हैं, जो पुराने तिब्बत युग में उनके झोंपड़ियों से बहुत अलग हैं। पुराने काल में तिब्बत के भूदास केवल अंधेरे और निचले “लैंगशेंग प्रांगण” में रह सकते थे, उन्हें सबसे खराब भोजन मिलता था, और उनके पास कोई व्यक्तिगत अधिकार नहीं था। पुराने तिब्बत में, कुलीन लोग अपनी इच्छानुसार भू-दासों को दंडित कर सकते थे और उनके साथ व्यवहार कर सकते थे।

लोकतांत्रिक सुधार के बाद, केंद्र सरकार ने पूर्व भू-दासों को भूमि और देश के स्वामी में बदल दिया। सरकार की मदद से, तिब्बत में अनाज की औसत उपज दस गुना बढ़ गई है, पर्यटन और अन्य सेवा उद्योगों का जोरदार विकास हुआ है, और पुराने भू-दासों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है। आर्थिक विकास के चलते अब तिब्बत के सभी गांवों में पानी, बिजली और इंटरनेट तक पहुंच हुई है, प्रत्येक घर में विभिन्न आधुनिक विद्युत उपकरण और फर्नीचर हैं, और बड़ी कृषि मशीनरी और पारिवारिक कारें हर जगह देखी जा सकती हैं। तिब्बत में औसत जीवन प्रत्याशा शांतिपूर्ण मुक्ति के शुरुआती दिनों के 35.5 वर्ष से बढ़कर 72.19 वर्ष तक हो गई है। केंद्र सरकार ने तिब्बत के गरीबी उन्मूलन के लिए बड़ा समर्थन दिया है। 2019 तक, क्षेत्र के सभी 628,000 पंजीकृत गरीब लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया। गरीबी उन्मूलन लक्ष्य तय समय से एक साल पहले हासिल कर लिया गया। अब तिब्बत में सभी लोगों को आवास, शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा उपचार और बुजुर्गों की देखभाल जैसे बुनियादी कल्याण प्राप्त हो गया है।

तिब्बत के मानवाधिकारों का विकास और प्रगति मानव विकास की व्यापक आधुनिकीकरण अवधारणा का पालन करने का परिणाम है। केंद्र सरकार तिब्बत में धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकारों का सम्मान और सुरक्षा करने पर विशेष ध्यान देती है, और सरकार ने धार्मिक विश्वासियों के धार्मिक जीवन के लिए एक अच्छा वातावरण बनाया है। मंदिरों में सार्वजनिक सेवाओं को व्यापक रूप से मजबूत किया गया है, और यहां तक कि बहुत दूरदराज के मंदिरों में भी सड़क, पानी, बिजली, संचार आदि तक पहुंच हुई है, सभी भिक्षुओं और ननों को सामाजिक कल्याण प्रणाली में शामिल किया गया है, और उनकी चिकित्सा देखभाल, पेंशन, आवास और अन्य जीवन मुद्दों का उचित समाधान भी किया गया है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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