Indian Student का आरोप, LSE में उसकी ‘हिंदू पहचान’ को बनाया गया निशाना

नई दिल्लीः लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) में पोस्ट-ग्रेजुएट की पढ़ाई कर रहे एक भारतीय छात्र ने आरोप लगाया है कि कैंपस में प्रचलित भारत विरोधी बयानबाजी और हिंदूफोबिया के कारण उसे ‘व्यक्तिगत, दुष्ट और लक्षित’ हमलों का सामना करना पड़ा है। गुरुग्राम के करण कटारिया (22) ने कहा कि उसे उसकी ‘भारतीय और हिंदू.

नई दिल्लीः लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) में पोस्ट-ग्रेजुएट की पढ़ाई कर रहे एक भारतीय छात्र ने आरोप लगाया है कि कैंपस में प्रचलित भारत विरोधी बयानबाजी और हिंदूफोबिया के कारण उसे ‘व्यक्तिगत, दुष्ट और लक्षित’ हमलों का सामना करना पड़ा है। गुरुग्राम के करण कटारिया (22) ने कहा कि उसे उसकी ‘भारतीय और हिंदू पहचान’ के कारण एलएसई छात्र संघ (एलएसईएसयू) के महासचिव की उम्मीदवारी से अयोग्य घोषित कर दिया गया। उसने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, कि ‘जब मैंने एलएसई में अपनी पोस्ट-ग्रेजुएट पढ़ाई शुरू की, तो मुझे ईमानदारी से छात्र कल्याण के लिए अपने जुनून को आगे बढ़ाने और पूरा करने की उम्मीद थी। लेकिन मेरे सपने तब चकनाचूर हो गए जब पूरी तरह से मेरी भारतीय और हिंदू पहचान के कारण मेरे खिलाफ एक जानबूझकर बदनाम अभियान चलाया गया।’’

एलएसई कैंपस में मास्टर्स की पढ़ाई कर रहे कटारिया को भी थोड़े समय के लिए नेशनल यूनियन फॉर स्टूडेंट्स के प्रतिनिधि के रूप में चुना गया था और अपने साथियों द्वारा एलएसईएसयू के महासचिव पद के लिए खड़े होने के लिए प्रेरित किया गया था। उसने एक बयान में कहा, कि ‘दुर्भाग्य से, कुछ लोग एक भारतीय-हिंदू को एलएसईएसयू का नेतृत्व करते हुए नहीं देख सकते थे और मेरे चरित्र और पहचान को बदनाम करने का सहारा लिया, जो स्पष्ट रूप से खतरनाक संस्कृति के अनुरूप था जो हमारे सामाजिक समुदायों को बदनाम कर रही है।’’

कटारिया ने आगे कहा कि सभी राष्ट्रीयताओं के छात्रों से अपार समर्थन प्राप्त करने के बावजूद, उन्हें एलएसईएसयू के महासचिव चुनाव से अयोग्य घोषित कर दिया गया। उनके अनुसार, उनके खिलाफ कई शिकायतें शुरू की गईं और उन पर होमोफोबिक, इस्लामोफोबिक, क्वीरफोबिक और हिंदू राष्ट्रवादी होने का आरोप लगाया गया। कटारिया ने कहा, कि ‘इस घृणित अभियान को शुरू करने वाले गलत काम करने वालों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने के बजाय, एलएसईएसयू ने मेरे खिलाफ कोई सबूत दिए बिना अलोकतांत्रिक रूप से मेरी उम्मीदवारी रद्द कर दी।’’

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले मतदान के दिन, भारतीय छात्रों को उनकी राष्ट्रीय और हिंदू धार्मिक पहचान के लिए धमकाया गया और निशाना बनाया गया। छात्रों ने इस मुद्दे को उठाया, लेकिन एलएसईएसयू ने दबंगों के खिलाफ कार्रवाई न कर इसे अलग कर दिया। एलएसई की एक अन्य छात्र तेजस्विनी शंकर ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में आरोप लगाया कि छात्र संघ चुनाव में कटारिया का समर्थन करने के लिए उसे निशाना बनाया जा रहा है।

उसने ट्वीट किया, ‘‘मेरी धार्मिक पहचान और छात्र संघ चुनाव में एक दोस्त का समर्थन करने के लिए मुङो निशाना बनाया गया और ताना मारा गया। छात्र संघ ने उचित कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।’’ ‘‘यह अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के उच्चतम स्तर पर बदमाशी और उत्पीड़न है जो खुद को समावेशिता और विविधता पर गर्व करते हैं और मैं उसी के संबंध में एलएसई द्वारा निष्क्रियता की कड़ी निंदा करती हूं।’’ कटारिया ने एलएसई नेतृत्व से उनका समर्थन करने और सभी छात्रों के हित में न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। एलएसई में लगभग 11,000 छात्र हैं जिनमें से 60 प्रतिशत से अधिक यूके के बाहर से आते हैं।

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