अंतर्राष्ट्रीय समुदाय महिलाओं के खिलाफ तालिबान के ‘‘लैंगिक भेदभाव’’ का करें मुकाबला : Malala Yousafzai

जोहानिसबर्गः नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने कहा कि अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ जो ‘‘लैंगिक भेदभाव’’ शुरू किया है, पूरी दुनिया को उस पर ध्यान देने और उसका मुकाबला करने की जरूरत है। मलाला यूसुफजई ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में.

जोहानिसबर्गः नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने कहा कि अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ जो ‘‘लैंगिक भेदभाव’’ शुरू किया है, पूरी दुनिया को उस पर ध्यान देने और उसका मुकाबला करने की जरूरत है। मलाला यूसुफजई ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में ‘बुरे दौर’ को खत्म करने के लिए सामूहिक और तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।

मलाला को 2014 में 17 साल की उम्र में अपने गृह देश पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा के वास्ते आवाज उठाने के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की शख्स हैं। लड़कियों की शिक्षा के वास्ते आवाज उठाने के लिए आतंकवादियों ने स्कूल बस में घुस कर मलाला के सिर पर गोली मारी थी। मलाला (26) ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ अलख जगाने वाले प्रख्यात नेता नेल्सन मंडेला की 10वीं पुण्यतिथि पर जोहानिसबर्ग में वार्षकि नेल्सन मंडेला व्याख्यान देने के बाद ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से बात की।

मलाला ने अपना भाषण अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों को सर्मिपत किया। उन्होंने कहा, कि ‘मेरे सिर पर गोली लगने के बाद पूरी दुनिया मेरे साथ खड़ी हुई। अफगानिस्तान की लड़कियों के साथ दुनिया कब खड़ी होगी?’’ मलाला ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘‘ तालिबान की सत्ता के बाद अफगानिस्तान ने केवल बुरे दिन ही देखे हैं। कम से कम ढ़ाई वर्ष हो गए हैं और अधिकतर लड़कियों ने स्कूल का मुंह नहीं देखा है।’’

यूसुफजई ने संयुक्त राष्ट्र से ‘‘अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति को लैंगिक भेदभाव मानने’’ की अपील की और उन खबरों का जिक्र किया जिनमें कहा गया है कि ‘‘महिलाओं को हिरासत में लिया जा रहा है, जेलों में डाला जा रहा है, पीटा जा रहा है जबरदस्ती विवाह कराया जा रहा है।’’

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