चीन-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को सुधारने के लिए नए प्रयास

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 21 दिसंबर को ऑस्ट्रेलियाई गवर्नर डेविड हर्ले और प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस को बधाई तार भेजकर दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ की बधाई दी। उस दिन, चीन और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों ने चीन की राजधानी पेइचिंग में छठी कूटनीतिक और सामरिक वार्ता आयोजित की.

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 21 दिसंबर को ऑस्ट्रेलियाई गवर्नर डेविड हर्ले और प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस को बधाई तार भेजकर दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ की बधाई दी। उस दिन, चीन और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों ने चीन की राजधानी पेइचिंग में छठी कूटनीतिक और सामरिक वार्ता आयोजित की और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने पर सहमति व्यक्त की।

दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि वे सर्वांगीण रणनीतिक साझेदारी संबंध, समानता और पारस्परिक लाभ तथा मतभेदों को प्रबंधित करने के आधार पर एक-दूसरे का सम्मान करेंगे। यह चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और विकसित करने का एक नया प्रयास है। पिछले महीने, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने इंडोनेशिया के द्वीप बाली में मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए दिशा निर्धारित की। इस बार ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने 3 साल बाद चीन का दौरा किया और 4 साल से रुके हुए कूटनीतिक और रणनीतिक संवाद तंत्र को बहाल किया। यह कदम चीन-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को स्थिर करने के लिए उठाया गया एक नया कदम है।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन और ऑस्ट्रेलिया महत्वपूर्ण देश हैं। साल 1972 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए। साल 2014 में चीन-ऑस्ट्रेलिया संबंध को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित किया गया। साल 2015 में चीन-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौता लागू हुआ। ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले चीनी छात्रों की सबसे बड़ी संख्या के साथ चीन ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पहले ऑस्ट्रेलिया में पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत चीन था। इससे जाहिर होता है कि चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच काफी करीबी संबंध थे। लेकिन हाल के वर्षों में अमेरिका के प्रभाव में ऑस्ट्रेलिया के कुछ राजनेताओं ने चीन के साथ मैत्रीपूर्ण सहयोग का रवैया त्याग कर चीन पर दबाव बनाने की कोशिश की। ऑस्ट्रेलिया ने चीनी दूरसंचार उद्यमों को ऑस्ट्रेलिया के 5G निर्माण में भाग लेने से रोक दिया, तथाकथित चीनी खतरे का प्रचार-प्रसार किया, अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति का समर्थन किया और एक त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी संबंध तंत्र में प्रवेश किया। कुछ ऑस्ट्रेलियाई राजनेताओं की उपरोक्त कार्रवाइयों ने चीन-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को अभूतपूर्व संकट में डाल दिया।

इसी साल मई में ऑस्ट्रेलिया की नई सरकार बनी। नई सरकार ने चीन के साथ संबंधों को सुधारने और विकसित करने की इच्छा व्यक्त की। ऑस्ट्रेलियाई समाज के विभिन्न वर्गों ने भी नई सरकार से चीन के साथ संबंध सुधारने का आह्वान किया। चीन ने इस पर सक्रिय प्रतिक्रिया व्यक्त की। दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार का एक अच्छा अवसर देखा गया है। गौरतलब है कि इस बार के चीन-ऑस्ट्रेलिया कूटनीति और सामरिक संवाद में संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को फिर से विकसित करने, आर्थिक, व्यापार, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को मजबूत करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का समर्थन करने पर सहमत हुए। यह चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों के सामान्यीकरण में बदलाव का एक सक्रिय संकेत है। एक स्वस्थ और स्थिर चीन-ऑस्ट्रेलिया संबंध न केवल दोनों देशों के मौलिक हितों के अनुरूप है, बल्कि एशिया-प्रशांत और दुनिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए लाभदायक भी है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

 

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