क्वेटा: पाकिस्तान ने बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) की प्रमुख महरंग बलूच और कई अन्य कार्यकर्ताओं पर आतंकवाद का आरोप लगाया है। महरंग ने जबरन गायब किए गए लोगों के रिश्तेदारों की अवैध गिरफ्तारी और अवैध पुलिस रिमांड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।महरंग वर्तमान में 150 अन्य लोगों के साथ क्वेटा जिला जेल में बंद हैं।
स्थानीय मीडिया ने सोमवार को बताया कि प्रदर्शनकारियों पर आतंकवाद, हत्या और हत्या का प्रयास, हिंसा-विद्रोह को भड़काना, अव्यवस्था पैदा करना, नस्लीय घृणा को बढ़ावा देना और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे आरोप लगाए गए। इस बीच, बलूचिस्तान के कई शहरों में लगातार दूसरे दिन भी हड़ताल देखी गई। वहीं क्वेटा और आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाएं रविवार को लगातार चौथे दिन भी बंद रहीं।
पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक डॉन से रविवार को बात करते हुए महरंग की बहन अस्मा बलूच ने कहा कि 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन महरंग को अदालत में पेश नहीं किया गया और न ही उसे कानूनी सलाहकार से मिलने दिया जा रहा। अस्मा ने कहा, ‘क्वेटा जिला जेल के अधिकारियों ने हमें मेरी बहन से मिलने की अनुमति नहीं दी और हमें उसे भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने की भी अनुमति नहीं दी गई।‘
संगठन ने कहा, ‘महरांग बलूच की अवैध हिरासत को 38 घंटे से अधिक समय हो गया है, लेकिन उन्हें अभी भी उनके वकीलों और परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। बलूचिस्तान प्रांत में मनमाने ढंग से लोगों को हिरासत में लिए जाने की चिंताजनक खबरें भी आ रही हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों को तुरंत महरंग बलूच और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए हिरासत में लिए गए अन्य लोगों को रिहा करना चाहिए, बलूच कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से हिरासत में रखने के लिए तुच्छ मामलों में फंसाने से बचना चाहिए।‘
बीवाईसी ने पाकिस्तान की पुलिस पर प्रांतीय राजधानी में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग करने का आरोप लगाया और दावा किया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गईं, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। घायलों में सात की हालत गंभीर है।
बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल (बीएनपी-एम) और नेशनल पार्टी (एनपी) ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग की निंदा की और पाकिस्तान सरकार से स्थिति को सुलझाने के लिए बातचीत करने की अपील की। इससे पहले, इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने क्वेटा में बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) के शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल के अत्यधिक और क्रूर प्रयोग की कड़ी निंदा की।