इस्लामाबाद। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता शहबाज शरीफ का पिछले महीने के चुनाव में मिले खंडित जनादेश के बाद गठबंधन सरकार की अगुवाई करने के लिए आज देश के अगला प्रधानमंत्री चुना जाएगा। पीएमएल-एन तथा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संयुक्त उम्मीदवार शहबाज ने शनिवार को अपना नामांकन सौंप दिया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उनके प्रतिद्वंद्वी उमर अयूब खान ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज (72) पाकिस्तान के तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (74) के छोटे भाई हैं। सभी को हैरत में डालते हुए नवाज शरीफ ने गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए शहबाज का समर्थन किया है। लगातार चौथी बार पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के लिए पिछले साल अक्टूबर में लंदन से लौटे नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद का चुनाव न लड़ने का फैसला किया है क्योंकि उनकी पार्टी पीएमएल-एन को अपने दम पर सरकार बनाने के लिए आठ फरवरी को हुए चुनाव में पर्याप्त सीटें नहीं मिली हैं।
इस चुनाव में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पीटीआई द्वारा समर्थित 90 से अधिक निर्दलीय उम्मीदवारों ने 336 सदस्यीय नेशनल असेंबली में सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। हालांकि, चुनाव बाद हुए गठबंधन में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी), इस्तेकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने पीएमएल-एन उम्मीदवार का समर्थन किया है जिससे यह सुनिश्चित हो गया है कि शहबाज शरीफ आसानी से मुल्क के 33वें प्रधानमंत्री बन जाएंगे। वहीं, अयूब के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है। सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 265 सीटों में से 133 सीट जीतने की आवशय़कता थी। करीब 70 सीटें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं जिन्हें आनुपातिक आधार पर पार्टियों के बीच विभाजित किया जाता है। नेशनल असेंबली के सचिवालय के अनुसार, नए प्रधानमंत्री का चुनाव करने के लिए नेशनल असेंबली में रविवार को मतदान होगा। सफल उम्मीदवार को सोमवार को राष्ट्रपति आवास ऐवान-ए-सद्र में पद की शपथ दिलायी जाएगी।
आठ फरवरी को हुए चुनाव में शरीफ की अगुवाई में पार्टी स्पष्ट बहुमत पाने में नाकाम रही। हालांकि, तकनीकी रूप से वह 265 में से 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है।
शहबाज ने अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक प्रधानमंत्री के रूप में एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था। पीपीपी के अलावा शहबाज के पास एमक्यूएम-पी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू), बलूचिस्तान आवामी पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (जेड), इस्तेकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी तथा नेशनल पार्टी के कुल 205 सांसदों का समर्थन है। एमक्यूएम-पी तथा पीपीपी के नेशनल असेंबली के दो निर्वाचित सदस्यों ने अभी तक शपथ नहीं ली है। सदन का नेता बनने के लिए शहबाज को 336 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 169 मतों की आवशय़कता है। वहीं, पीटीआई समर्थित विपक्ष के पास 102 सांसद हैं जिनमें से एक सदस्य ने शपथ नहीं ली है। इस बीच, जमात उलेमा-ए-इस्लाम और बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (मेंगल) चुनाव का बहिष्कार कर सकती है। अभी तक 304 सांसदों ने शपथ ली है जबकि पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने अभी तक महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए 23 आरक्षित सीटों की अधिसूचना पर रोक लगा दी है।