भ्रष्टाचार पूरी दुनिया में व्याप्त है। भ्रष्टाचार सभी देशों में मौजूद है, चाहे वह बड़ा हो या छोटा, अमीर हो या गरीब। भ्रष्टाचार न केवल एक आर्थिक मुद्दा है, बल्कि एक राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा भी है। भ्रष्टाचार किसी देश के विकास और स्थिरता को गंभीर रूप से खतरे में डालता है, और एक प्रकार की “छिपी हुई बुरी बीमारी” है, जिसका समाज पर धीरे-धीरे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) अपनी स्थापना के बाद पिछले 100 से अधिक सालों में भ्रष्टाचार के खिलाफ़ डटकर मुकाबला कर रही है। खासतौर पर नवंबर 2012 में सीपीसी 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से लेकर अब तक, चीन भ्रष्टाचार विरोध और स्वच्छ शासन कार्य को उच्च महत्व देता है। पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस की रिपोर्ट में प्रस्तावित किया गया कि “भ्रष्टाचार-विरोध सबसे गहन आत्म-क्रांति है।” भ्रष्टाचार के खिलाफ़ मुकाबले में सीपीसी केंद्रीय समिति ने एक प्रभावी तंत्र बनाने का प्रस्ताव रखा जो भ्रष्ट होने की हिम्मत नहीं करता, भ्रष्टाचार नहीं कर सकता और भ्रष्ट नहीं होना चाहता। साथ ही, देश में शून्य सहनशीलता के रवैये के साथ भ्रष्टाचार से लड़ा जाता है।
आंकड़ों के अनुसार, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं राष्ट्रीय कांग्रेस से 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस तक के पाँच सालों में, यानी साल 2017 से 2022 तक, देश भर में शिक्षा, चिकित्सा देखभाल, पेंशन, सामाजिक बीमा, कानून प्रवर्तन और न्याय से जुड़े भ्रष्टाचार और कार्यशैली के मुद्दों के कुल 6.5 लाख से अधिक मामलों की जांच की गई और निपटाया गया। चीनी लोगों ने पार्टी के व्यापक और सख्त शासन से वास्तव में निष्पक्षता और न्याय को महसूस किया है। चीनी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के 2022 के सर्वेक्षण से पता चलता है कि 97.4 प्रतिशत लोगों का मानना है कि व्यापक और सख्त पार्टी शासन प्रभावी है, यह अनुपात साल 2012 की तुलना में 22.4 प्रतिशत ज्यादा था।
सीपीसी केंद्रीय समिति के अनुशासन निरीक्षण आयोग के राज्य पर्यवेक्षण समिति की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से सितंबर 2023 तक, देश भर में अनुशासन निरीक्षण और पर्यवेक्षण एजेंसियों ने समस्या के कुल 12.83 लाख सुराग संभाले और 4.7 लाख मामले दर्ज किए। दोनों संख्याएं साल 2022 की समान अवधि की तुलना में बढ़ गईं, जो देश में सही कार्यशैली, अनुशासन और भ्रष्टाचार-रोधी कार्य को मजबूत करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट संकेत भेजता है।
भ्रष्टाचार मानव जाति का आम दुश्मन है। वर्तमान में, भ्रष्टाचार अभी भी एक कैंसर है जो दुनिया भर के देशों की राजनीतिक स्थिरता और सामाजिक व आर्थिक विकास को खतरे में डालता है। भ्रष्टाचार विरोध सभी देशों के लिए एक उचित मुद्दा है, और भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ाई भी एक लंबी लड़ाई है। भ्रष्टाचार की आम चुनौती का सामना करते हुए, सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार-रोधी सहयोग को मजबूत करना चाहिए, और लोगों के लिए न्याय को बनाए रखने तथा विकास की बाधाओं को दूर करने के लिए संयुक्त रूप से व्यावहारिक कार्रवाई करनी चाहिए।
9 दिसंबर संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार-रोधी दिवस है। इसकी मूल अवधारणा है: “भ्रष्टाचार से लड़ना हर किसी का अधिकार और जिम्मेदारी है”। 31 अक्तूबर 2003 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने “संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार-रोधी संधि” पारित की। वर्ष 2023 इस संधि के पारित होने की 20वीं वर्षगांठ है। अब तक, 188 हस्ताक्षरकर्ताओं ने इस संधि के तहत अपने भ्रष्टाचार-रोधी दायित्वों को पूरा करने का वादा किया है। चीन ने 27 अक्तूबर 2005 को “संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार-रोधी संधि” की समीक्षा की और इसकी पुष्टि की।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)