जम्मू-कश्मीर में भी इंडी गठबंधन को झटका, अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी नेशनल कांफ्रेंस: Farooq Abdullah

विपक्षी दलों के भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी (इंडी) गठबंधन को करारा झटका देते हुए

श्रीनगर: विपक्षी दलों के भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी (इंडी) गठबंधन को करारा झटका देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को घोषणा की कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगी। अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में विपक्षी इंडी गठबंधन की सीट बंटवारे में अनिश्चितता के बीच यह घोषणा की है। एनसी, कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ जम्मू-कश्मीर में इंडी गठबंधन की तीन पार्टियों में से एक है।

अब्दुल्ला ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमारी पार्टी अपने दम पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और इसमें कोई शक नहीं है। मुझे लगता है कि संसदीय और विधानसभा दोनों चुनाव एक ही समय पर होंगे। हम अपने बूते चुनाव लड़ेंगे।”
उन्होंने पाकिस्तान की स्थिति पर कहा कि भारत के लिए एक स्थिर पड़ोसी जरूरी है। उन्होंने कहा, “स्थिर पाकिस्तान पूरे भारत के लिए जरूरी है और अस्थिर पाकिस्तान भारत के लिए अच्छा नहीं है।”

एनसी अध्यक्ष ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जारी संघर्ष में बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की जान गयी है। शांति के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “पड़ोसी देश को भी यह एहसास होना चाहिए कि शांति बहुत जरूरी है।” अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार को किसानों के आंदोलन को सहानुभूतिपूर्वक संभालना चाहिए। उन्होंने कहा, “सरकार पहले तीन विधेयक लेकर आयी थी, जिसका भारी विरोध हुआ और 760 किसानों की मौत हो गयी। विपक्ष ने सरकार से विधेयकों पर फिर से विचार करने के लिए कहा, इसके बावजूद सरकार ने उन्हें संसद में पेश कर दिया। हालांकि, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही विधेयक वापस ले लिये गये।”

उन्होंने कहा, “अब आम चुनाव आ रहे हैं। किसान सड़कों पर हैं। पता नहीं केंद्र क्या करेगा। उम्मीद है कि वे समझदारी से काम लेंगे।” उच्चतम न्यायालय के चुनावी बॉन्ड फैसले पर चर्चा करते हुए एनसी अध्यक्ष ने कहा, “शीर्ष अदालत का फैसला सभी को समान अवसर प्रदान करेगा। अब उन्हें (भाजपा) खुलासा करना चाहिए कि उन्हें कितना मिला और किसने उन्हें फंड दिया। लोगों को पता होना चाहिए कि पैसे कहां से आये और पार्टी के पास कितना धन है।”

अब्दुल्ला ने गैर-स्थानीय मजदूरों की लक्षित हत्याओं की निंदा करते हुए कहा, “यह एक जघन्य अपराध है और मैं ऐसी हत्याओं की कड़ी निंदा करता हूं। मैंने बहुत कुछ देखा है और मेरी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता मारे गये हैं।” उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें भेजे गये समन को नियमित बताया। उन्होंने कहा, “मैं ईडी के निशाने पर हूं। मैं क्या कहूं! मुझे हाल में भी बुलाया गया था और मैं जल्द ही उनके कार्यालय में गवाही दूंगा।”

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