नेशनल डेस्क: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने शुक्रवार को कहा कि शहीदों का बलिदान उस आजादी की रक्षा करता है, जिसे हम आजकल हल्के में लेते हैं। वह कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान शहीद हुए सेना के ‘वीर जवान’ थलाचिरा जनीश की स्मृति में इस जिले के एडवाका पंचायत में निíमत ‘स्मृति मंडपम’ के उद्घाटन के अवसर पर बोल रही थीं।
वायनाड की सांसद ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन कहा कि जब परिवार का कोई सदस्य शहीद होता है, तो उसका दुख जीवन भर परिवार के सदस्यों के साथ रहता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आपको समुदाय के समर्थन से राहत मिलती है, आपको अपने आस-पास के लोगों से और उन्हें याद रखने वालों से स्नेह मिलता है।’’
हमारी स्वतंत्रता बहादुर नायकों के बलिदान से संभव हुई
बीस साल की उम्र में सेना में शामिल हुए थलाचिरा जनीश 2003 में जम्मू-कश्मीर के राजाैरी जिले में आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान शहीद हो गए थे और उन्हें 2004 में मरणोपरांत सेना पदक से सम्मानित किया गया। प्रियंका ने कहा, ‘‘22 साल बाद भी, उनकी मां की आंखों में आंसू हैं, क्योंकि हम कभी भी वह नहीं लौटा सकते, जो उन्होंने खोया है। एक शहीद की मां और बेटी होने के नाते, मैं उनके दर्द की गहराई को पूरी तरह से समझती हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इस तरह के स्मारक इस बात की याद दिलाने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि हमारी स्वतंत्रता, लोकतंत्र और जीवन शैली बहादुर नायकों के बलिदान से संभव हुई है।’’
वायनाड के सांसद ने कहा, ‘‘जब महात्मा गांधीजी स्वतंत्रता की बात करते थे, तो वह प्रत्येक भारतीय की स्वतंत्रता की बात करते थे। एक मजबूत, जीवंत और प्रभावी पंचायत प्रणाली उनका सपना था। यह एक ऐसा सपना था, जिसे मेरे शहीद पिता राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल के दौरान पंचायती राज अधिनियम पारित करके पूरा करने का प्रयास किया था।’’
हमारी पंचायतें पूरे भारत के लिए एक मिसाल
प्रियंका ने दावा किया, ‘‘यहां केरल में, हमारी पंचायतें पूरे भारत के लिए एक मिसाल हैं।’’ उन्होंने एडवाका पंचायत की सराहना की, जिसे शून्य अपशिष्ट पंचायत घोषित किया गया है और इसे ‘‘आज के दौर की सबसे बड़ी उपलब्धि’’ बताया। उन्होंने ‘हरित कर्म सेना’ के सदस्यों को भी बधाई देते हुए कहा कि महान शहीदों की तरह, समाज के प्रति उनकी सेवा भी लोकतंत्र को मजबूत करती है और भारत को मजबूत बनाती है।