कोविशील्ड की एक बूस्टर खुराक सबसे अच्छी प्रतिरक्षा प्रदान करती है, भले ही प्राथमिक खुराक कोविशील्ड की हो या कोवैक्सीन की। भारत में किए गए एक नए अध्ययन और ‘लांसेट रीजनल हैल्थ-साऊथईस्ट एशिया’ शोध पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह कहा गया है। अध्ययन के अनुसार, कोविशील्ड या कोवैक्सीन के साथ उसी टीके की खुराक या अलग खुराक देने की स्थिति में कोविशील्ड के साथ बूस्टर से अच्छे नतीजे मिलते हैं और बेहतर एंटीबॉडी तैयार होती है। इसमें ये भी मायने नहीं रखता कि शुरुआत में कोविशील्ड या कोवैक्सीन के टीके दिए गए।
कोविड टीकाकरण से तैयार प्रतिरक्षा समय के साथ कमजोर होने लगती है और नए स्वरूप से कम रक्षा हो पाती है। इसके कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बूस्टर खुराक देने की सिफारिश की है। क्रिश्चियन मैडीकल कालेज, वेल्लोर, तमिलनाडु और कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश के शोधकर्त्ताओं द्वारा अध्ययन किया गया। भारत में प्राथमिक टीकाकरण के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल दो टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन के साथ समान या अलग बूस्टर की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता का निर्धारण प्रतिभागियों में किया गया।