सर्दियों में हमारे बाल बेहद ऑयली हो जाते हैं जिसके चलते हमारी लुक काफी असर पड़ता है। सर्दियों में ऑयली बाल की समस्या आम है। इस मौसम में सर्द हवाओं की वजह से बालों को रोजाना धोना भी मुश्किल होता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कुछ खास टिप्स जिसकी मदद से आप ऑयली बालों से छुटकारा पा सकते हैं।
नींबू का रस:नहाते समय बालों में नींबू का रस लगाने से ऑयली हेयर की समस्या कम होती है। इसका उपयोग के लिए आप नहाने से पहले करीब आधा नींबू अपने पास रख लें। बाल धोते समय आप नींबू को बालों की स्कैल्प पर रगड़े। इसके बाद बालों को साफ पानी से धो लें।
बेकिंग सोडा: बेकिंग का सोडा का इस्तेमाल खाने से लेकर कई तरह की चीजों के लिए किया जा सकता है। बेकिं सोडा का इस्तेमाल ऑयली बालों से राहत पाने के लिए भी किया जाता है। बेकिंग सोडा में नेचुरल पीएच लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। साथ ही अतिरिक्त तेल को हटाने में भी मदद मिलती है। बेकिंग सोडा को पानी या तेल में मिलाकर अच्छे से बालों की जड़ों में लगाएं। आप हफ्ते में एक से दो बार इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं।
नारियल का तेल: नारियल तेल की चम्पी तैलीय बालों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ट्रिकोलॉजी द्वारा किए गए एक शोध में पाया गया है कि सूरजमुखी और मिनरल ऑयल की तुलना में नारियल का तेल हल्का होता है, जो आसानी से स्कैल्प में समा जाता है। शोध के अनुसार इन तीनों तेलों में सिर्फ नारियल तेल बालों में प्रोटीन को बनाए रखने में मदद कर सकता है और इस प्रकार यह बालों के लिए गुणकारी हो सकता है। हालांकि यह ऑयली स्कैल्प की परेशानी को पूरी तरह से दूर नहीं करता है।
ब्लैक टी: ब्लैक टी से बालों को पोषण मिलता है। इसके इस्तेमाल से ऑयली बालों से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए एक बाउल में पानी लें, इसमें दो चम्मच ब्लैक टी डालें। अब इस पानी को उबाल लें, फिर चायपत्ती को छान कर अलग कर लें। जब पानी ठंडा हो जाए, तो इसे बालों पर लगाएं। करीब 20-25 मिनट बाद बालों को सदा पानी से धो लें।
एसेंशियल ऑयल: बालों पर एसेंशियल ऑयल के इस्तेमाल से इसके ऑयल को कम किया जा सकता है। एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदों को सिर की स्कैल्प पर लगाएं और इसे हल्के हाथों से मसाज करें। इसके करीब 30 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद साफ पानी से बालों को धो लें।
मुल्तानी मिट्टी: मुल्तानी मिटटी प्राकृतिक उपाय है ये त्वचा के लिए ही नहीं बालों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इसके खनिज गुण जड़ों के PH स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं और रक्त परिसंचरण को भी सुधारते हैं। सबसे पहले कुछ मात्रा पानी में तीन चम्मच मुल्तानी मिटटी मिलाएं जिससे कि एक पेस्ट तैयार हो सके। अब इस पेस्ट को अपनी जड़ों और बालों में लगाएं। फिर 15-20 के लिए इसे ऐसे लगा हुआ छोड़ दें और फिर बालों को गुनगुने पानी से धो लें। इस प्रक्रिया को हफ्ते में बार कुछ महीने के लिए लगाते रहें।
एप्पल साइडर विनेगर: बालों के ऑयल को कम करने के लिए आप एप्पल साइडर विनेगर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। एक कप में एक करीब एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर ले लें। नहाते समय आप अपने बालों को वॉश करने के बाद आप एप्पल साइडर विनेगर के कप वाले पानी से बालों को धो लें।
टी ट्री ऑयल: अमूमन लोगों को टी ट्री आयल के बारे में पता होगा। अगर आपके सिर में रुसी की वजह से चिकनापन हो गया है तो, आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। शोध के मुताबिक आपके स्कैल्प में टी ट्री आयल से मसाज करने से खुजली से भी छुटकारा मिलता है। टी ट्री आयल की 10 से 15 बूंदे नारियल के तेल में मिला लें। इस मिश्रण को अपनी स्कैल्प में अच्छे से लगाएं और अपने बालों के छोर तक अच्छे से मसाज करें। जब भी आपको अपने बालों को धोना हो तो उससे करीब एक घंटा पहले टी ट्री आयल की मसाज करें।
एलोवेरा: पोषक तत्वों से भरपूर एलोवेराके गुण काफी फायदेमंद हैं। ना सिर्फ बालों के लिए बल्कि स्किन के लिए भी ये किसी वरदान से कम नहीं है। एलोवेरा से बाल रेशमी, मुलायम और चमकदार होते हैं। इसके लिए एक से दो बड़ा चम्मच एलोवेरा जेल में नींबू के रस को मिला लें। इसके बाद उसमें एक कप पानी मिलाकर अच्छे मिक्स कर लें। इस मिश्रण से अपने बालों की स्कैल्प में अच्छे से मसाज करें। फिर एक से डेढ़ घंटे के बाद ठंडे पानी से धो लें। इस तरह से आप अपने स्कैल्प के ऑयली होने की समस्या से निजात पा सकते हैं।
टमाटर: टमाटर के प्राकृतिक एसिडिक गुणों से जड़ों के PH स्तर को संतुलित करने में मदद मिलती है जिससे तेल का स्राव कम होता है। इसके साथ ही टमाटर बालों की गंध को भी दूर करता है। सबसे पहले एक टमाटर के जूस को एक चम्मच मुल्तानी मिटटी में मिला दें। अब इस मिश्रण को जड़ों और बालों में लगाएं। फिर अपने सिर को शावर कैप से ढक दें और आधे घंटे के लिए इसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें। फिर अपने बालों को ठंडे पानी से धो दें। इस प्रक्रिया को हफ्ते में एक या दो बार ज़रूर दोहराएं।