फेयरनैस क्रीम से देश में बढ़ रही किडनी की समस्या, एक अध्ययन में हुआ खुलासा

एक नए अध्ययन के अनुसार त्वचा की रंगत निखारने वाली क्रीमों के इस्तेमाल से भारत में किडनी की समस्याएं बढ़ रही हैं।

नई दिल्ली: एक नए अध्ययन के अनुसार त्वचा की रंगत निखारने वाली क्रीमों के इस्तेमाल से भारत में किडनी की समस्याएं बढ़ रही हैं। गोरी त्वचा को लेकर समाज में एक अलग तरह का जुनून है। फेयरनैस क्रीम्स का देश में एक आकर्षक बाजार है। हालांकि ये क्रीम्स बड़े पैमाने पर किडनी को नुक्सान पहुंचती हैं। मैडीकल जर्नल किडनी इंटरनैशनल में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि फेयरनैस क्रीम के बढ़ते उपयोग से मेम्ब्रेनस नेफ्रोपैथी (एमएन) के मामले बढ़ रहे हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जो किडनी फिल्टर को नुक्सान पहुंचाती है और प्रोटीन रिसाव का कारण बनती है।

एमएन एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसके परिणामस्वरूप नेफ्रोटिक सिंड्रोम होता है। एक किडनी विकार जिसके कारण शरीर मूत्र में बहुत अधिक प्रोटीन उत्सजर्ति करता है। शोधकर्ताओं में से एक केरल के एस्टर एमआईएमएस अस्पताल के डा. सजीश शिवदास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘पारा त्वचा के माध्यम से अवशोषित हो जाता है और गुर्दे के फिल्टर पर कहर बरपाता है, जिससे नेफ्रोटिक सिंड्रोम के मामलों में वृद्धि होती है। भारत के अनियमित बाजारों में व्यापक रूप से उपलब्ध ये क्रीम तुंरत परिणाम देने का वादा करती हैं लेकिन किस कीमत पर यूजर बताते हैं कि इसका उपयोग बंद करने से त्वचा का रंग पहले से कहीं अधिक काला हो जाता है।

अध्ययन में जुलाई 2021 और सितंबर 2023 के बीच रिपोर्ट किए गए एमएन के 22 मामलों की जांच की गई। एस्टर एमआईएमएस अस्पताल में इन मरीजों में अक्सर थकान, हल्के सूजन और मूत्र में झाग बढ़ने जैसे लक्षण पाए गए। इसमें केवल तीन रोगियों को गंभीर सूजन थी, लेकिन सभी के मूत्र में प्रोटीन का स्तर बढ़ा हुआ था। एक मरीज में सेरेब्रल वेन थ्रोम्बोसिस विकसित हुआ। मस्तिष्क में रक्त का थक्का जम गया, लेकिन गुर्दे का कार्य सभी में संरक्षित था। निष्कर्षो से पता चला कि लगभग 68 प्रतिशत या 22 में से 15 तंत्रिका एपिडर्मल वृद्धि कारक-जैसे 1 प्रोटीन (एनईएल-1) के लिए सकारात्मक थे। 15 मरीजों में से 13 ने लक्षण शुरू होने से पहले ही त्वचा को गोरा करने वाली क्रीम का उपयोग करने की बात स्वीकार की। बाकियों में से एक के पास पारंपरिक स्वदेशी दवाओं के उपयोग का इतिहास था जबकि दूसरे के पास कोई पहचानने योग्य ट्रिगर नहीं था।

- विज्ञापन -

Latest News