मार्केट रिसर्च क्षेत्र में बनाएं करियर

रोज बदलते बाजार का रुख जानना किसी भी व्यवसाय की प्रगति के लिए बेहद आवश्यक है। बाजार के ट्रैंड के इतर कोई विकास नहीं कर सकता। यही कारण है कि खाद्य पदार्थों, सीरियल और जूते की कंपनी से लेकर सरकारी योजनाओं तक में मार्कीट रिसर्चर की मांग रहती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह क्षेत्र.

रोज बदलते बाजार का रुख जानना किसी भी व्यवसाय की प्रगति के लिए बेहद आवश्यक है। बाजार के ट्रैंड के इतर कोई विकास नहीं कर सकता। यही कारण है कि खाद्य पदार्थों, सीरियल और जूते की कंपनी से लेकर सरकारी योजनाओं तक में मार्कीट रिसर्चर की मांग रहती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह क्षेत्र निरंतर विस्तार कर रहा है और आने वाले समय में इसमें नौकरियों की भरमार होगी। लोगों की किसी खास उत्पाद या वस्तु, नई योजनाओं आदि को लेकर प्रतिक्रि या, पसंद-नापसंद का अध्ययन मार्कीट रिसर्चर का काम होता है। एक मार्कीट रिसर्च प्रोफैशनल सप्लायर की ओर से भी काम कर सकता है और क्लाइंट की ओर से भी। आप भी मार्कीट रिसर्च प्रोफैशनल के तौर पर काम आरंभ कर सकते हैं। खास बात यह है कि ऐसा नहीं है कि कोई खास डिग्री हासिल करने के बाद ही आप ये काम करें, बल्कि स्नातक करते हुए भी आप रिसर्च के क्षेत्र में कदम रख सकते हैं। अगर जल्दी काम करना शुरू करेंगे, तो पढ़ाई के साथसाथ आप इस क्षेत्र से जुड़ी आवश्यकताओं को समझ पाएंगे और फिर संबंधित विषयों को पढ़कर अपनी जॉब पात्रता को अधिक मजबूत बना सकेंगे। उस अनुभव का फायदा आपको प्रोफैशनल जीवन में भविष्य में भी मिलेगा।

क्यों है यह क्षेत्र खास: पहले इनकी मांग विदेशों में ही अधिक होती थी, लेकिन अब वैश्विक स्तर पर इस तरह के विशेषज्ञों की मांग है। रिसर्च कराने का यह ट्रैंडपिछले 5 सालों में तेजी से बदला है। आज हर तरह के व्यवसाय के लिए मार्कीट रिसर्च एक अहम पहलू बन गया है। यह व्यावसायिक रणनीति बनाने के लिए आवश्यक माना जाने लगा है। मार्कीट रिसर्च में बाजार और ग्राहकों से संबंधित सूचनाएं एकत्रित की जाती हैं। जब मार्कीट रिसर्च के परिणाम सामने आते हैं तो उसके आधार पर कंपनियां पैकेजिंग आदि से संबंधित फैसले लेती हैं और कंपनी अपने उत्पादों का प्रचार आदि भी मार्कीट रिसर्च के आधार पर ही करना तय करती है। कई बार तो इस बात के लिए भी रिसर्च की जाती है कि ग्राहकों को क्या पसंद है और किन चीजों को वो किन कारणों से पसंद करते हैं।

चूंकि आज ग्राहकों की पसंद काफी बदल गई है और बाजार में काफी प्रतियोगिता भी है, इसलिए ग्राहकों की मांग को जानने के लिए हर कंपनी इस तरह के शोध कराती है। नियमति तौर पर बदलते बाजार ट्रैंड को इनके जरिए जाना जा सकता है। सिर्फ कॉरपोरेट जगत में ही नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं को लागू करने से पहले आंकड़े जुटाए जाते हैं। राजनीतिज्ञ भी चुनाव से पहले रिसर्चर्स की मदद लेते हैं और किसी योजना को लागू करने के बाद उसके परिणामों को जानने तक में रिसर्चर ही अंतिम काम करते हैं।

कस्टमर एनालिसिस, रिस्क एनालिसिस, उत्पाद रिसर्च, विज्ञापन रिसर्च आदि की मदद से मार्कीट की रिसर्च की जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी से विकास करते उद्यमों में से एक है और भविष्य में इस क्षेत्र में कई गुना नौकरियों की संभावना का विस्तार होगा। सबसे पहले पिछली बिक्री के डाटा लिए जाते हैं और उनका अध्ययन किया जाता है। प्रतियोगियों के बारे में जानकारी, विभिन्न उत्पादों के दाम और उनके मार्कीटिंग के तरीकों, वितरण के तरीकों का अध्ययन किया जाता है। फिर ग्राहकों से बात की जाती है।

इसके लिए उनसे क्वैश्चनेयर भरवाए जाते हैं, उन्हें फोन किए जाते हैं, इंटरनैट सर्वे और पर्सनल इंटरव्यू लिए जाते हैं। फिर सारी जानकारियां जुटा कर उत्पाद के दाम, बिक्री, मार्कीटिंग, वितरण आदि का विश्लेषण होता है। इस पूरी प्रक्रिया में मार्कीट रिसर्चर जिन विधियों को चाहे, उनका प्रयोग कर डाटा एकत्रित कर सकता है। ज्यादातर इसके लिए टैलीफोन, मेल या इंटरनैट सर्वे भी किए जाते हैं। इनके अलावा इंटरव्यू, ग्रुप डिस्कशन या पब्लिक प्लेस में बूथ आदि लगा कर भी सर्वे होते हैं।

कितनी तरह की रिसर्च: हर तरह की कंपनियां यह रिसर्च कराती हैं। इसके अलावा सरकारी एजैंसियां, राजनीतिज्ञ, सेवा प्रदाता कंपनियां भी रिसर्च कराती हैं। इसका क्षेत्र काफी वृहद है। इस तरह के रिसर्च का परिणाम सर्वे डिजाइनर्स तैयार करते हैं।

योग्यता: इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए पहली योग्यता है किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बी.बी.ए. की डिग्री। किसी भी विषय में 12वीं करने के बाद आप बी.बी.ए. कर सकते हैं। इसके आगे एम.बी.ए. की पढ़ाई कर सकते हैं। इसमें डिप्लोमा और पी.जी. डिप्लोमा के विकल्प भी मौजूद हैं। और मास्टर्स स्तर पर मास्टर आॅफ बिजनैस एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स कराया जाता है। मार्कीट रिसर्च में नौकरी के लिए स्नातक होना आवश्यक है। इसके अलावा अंग्रेजी पर अच्छी कमांड होनी चाहिए। मार्कीटिंग, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, सोशोलॉजी में पढञाई काफी मददगार साबित होती है। अच्छी कम्युनिकेशन स्किल इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है। स्नातक के बाद आपको ट्रेनी की नौकरी मिल जाती है। इन्हें कोडर्स भी कहा जाता है। इसके बाद इंटरव्यूअर्स या रिसर्च असिस्टैंट की पोस्ट मिलती है। इसके बाद सीनियर पोस्ट आती हैं।

कितना कमा सकते हैं: मार्कीट रिसर्च में शुरुआती दौर में आप 15,000 रुपये प्रतिमाह तक कमा सकते हैं। इसके बाद पद के हिसाब से 5 से 15 लाख तक का सालाना पैकेज बढ़ता जाता है।

ये स्किल्स हैं आवश्यक: ’कम्युनिकेशन स्किल्स ’रचनात्मकता ’सेल्समैनशिप ’डाटा एकत्रित करना ’टीमवर्क ’विश्लेषण क्षमता लगन

ये होते हैं पद: इस क्षेत्र में कदम रखने के बाद आप फील्ड वर्क से शुरुआत कर सकते हैं, इसके बाद वाइस प्रैसिडैंट आॅफ मार्कीटिंग रिसर्च के पद तक पहुंच सकते हैं।

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