बच्चों को जरूर सिखाएं स्वस्थ स्नानघर की ये आदतें

अपने बच्चे को सुपर चाइल्ड कैसे बनाएं आदतें वह नींव हैं जिस पर हम अपने बच्चे का चरित्र बनाते हैं चरित्र मूल रूप से बच्चे की आदतों का कुल योग है बच्चों में, जो एक और बुनियादी आदत डालना जरूरी है, वह है स्वस्थ स्नानघर आदतें। यह एक स्वस्थ और रोग-मुक्त बच्चे के लिए आवश्यक.

अपने बच्चे को सुपर चाइल्ड कैसे बनाएं आदतें वह नींव हैं जिस पर हम अपने बच्चे का चरित्र बनाते हैं चरित्र मूल रूप से बच्चे की आदतों का कुल योग है बच्चों में, जो एक और बुनियादी आदत डालना जरूरी है, वह है स्वस्थ स्नानघर आदतें। यह एक स्वस्थ और रोग-मुक्त बच्चे के लिए आवश्यक है। ऐसी बहुत सी स्नानघर आदतें हैं, जिन्हें बच्चे उपयोग करते हैं; लेकिन मैं यहां उन कुछ स्नानघर आदतों के बारे में बताऊंगा, जो जरूरी होने पर भी अनदेखी रह जाती हैं।

आदत: अच्छी शौचालय की आदतों का अभ्यास करने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि आप अपने शरीर को अधिक नुक्सान नहीं पहुंचा रहे हैं, या अपने आप को उन चीजों के लिए कंडीशनिंग नहीं कर रहे हैं जो आपके असंयम में योगदान दे सकते हैं। स्नानघर आदतों में शरीर की सफाई की बुनियादी आदतें शामिल हैं, जो बच्चे के साफ और स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक हैं। इसमें सुबह दांत साफ करना, जीभ साफ करना, चेहरे की मालिश करना, शरीर को उचित ढंग से पोंछना, इत्र व क्रीम लगाना और इस्तेमाल के बाद स्नान घर साफ करना आदि आदतें शामिल हैं।

स्नान घर आदतों के लाभ:
– बच्चे को साफ व स्वस्थ बनाती हैं।
– घर की पूरी साफ-सफाई में वृद्धि होती है।
– जहां तक स्नानघर के उपयोग की बात है, बच्चा आत्मनिर्भर और स्वतंत्र हो जाएगा।
– बच्चा और अधिक व्यवस्थित होना सीख सकेगा।

स्नानघर आदतें कैसे डलवाएं जीभ साफ करना : आयुर्वेद के अनुसार, सभी विषाक्त पदार्थ जीभ पर एकत्र हो जाते हैं। अत: बच्चे के समग्र स्वास्थ्य में दांत साफ करने के साथ ही जीभ की सफाई भी उसके मुख के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। बच्चे को उसकी जीभ को जीभी से आगे से पीछे तक साफ करना सिखाएं। वे इसके लिए टूथब्रश के पिछले हिस्से का भी उपयोग कर सकते हैं। इसे दांत की सफाई के साथ ही करने की आदत डालें।

चेहरे की तेल मालिश :यह सबसे सरल, लेकिन अति महत्वपूर्ण आदत है, जो लंबे समय तक बच्चे के चेहरे की त्वचा को स्वस्थ रखती है। दांत साफ करने के ठीक बाद बच्चा अपने चेहरे की नारियल के तेल या किसी भी अच्छी स्किन क्रीम से एक मिनट तक मालिश करे। अगर उसे तेल पसंद न हो तो उसे तेल हटाने के लिए बाद में नहाने के लिए कह सकते हैं।

स्नान करते समय सबसे पहले पैरों पर पानी डालें : आयुर्वेद के अनुसार, स्नान करते समय व्यक्ति को सबसे पहले अपने पैरों पर पानी डालना चाहिए, जिससे शरीर का आंतरिक चयापचय स्थिर हो जाए और इसके बाद पूरे शरीर पर पानी डालें। आधुनिक विज्ञान के अनुसार, इस छोटी सी आदत ने अनेक हृदयाघातों को रोका है।

शरीर को सही तरीके से पोंछें : शरीर के आसानी से न पहुंचे जाने वाले अंग, जैसे पीठ का ऊपरी व मध्य का हिस्सा, जांघ का अंदरूनी भाग, बगलें आदि समेत पूरे शरीर को अच्छी तरह से पोंछें, जिससे शरीर उचित ढंग से सूख जाए।

यात्रा बाथरूम किट तैयार करें : बच्चे को यात्रा-बाथरूम किट तैयार करने को कहें, जिससे उसे इसके इस्तेमाल की आदत पड़ सके। उसमें उसका साबुन, क्रीम, ब्रश और अन्य प्रसाधन सामग्रियां शामिल होनी चाहिएं।

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