हिन्दू धर्म में खास मौकों पर उपवास रखना सदियों से चला आ रहा है। जिसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। व्रत रखने से आत्मशुद्धि, आत्मानुशासन और आध्यात्मिक विकास होता है।लेकिन, क्या आपको पता है कि व्रत रखना शरीर के लिए फायदेमंद होता है या नुकसानदेह। सवाल यह भी है कि क्या बीमारी के दौरान व्रत रखना सही है। तो आइए जानते हैं इन तमाम सवालों के जवाब।
व्रत रखने के फायदे की हम बात करें तो यह शरीर और मन दोनों को लाभ पहुंचाता है। इससे आत्मा शुद्ध होती है और आध्यात्मिक विकास होता है। व्रत रखने से आप में अनुशासन बढ़ता है और इससे आपमें आत्म-विश्वास की वृद्धि होती है। शारीरिक लाभ की हम बात करें तो इससे शरीर की सफाई होती है, पाचनतंत्र बेहतर होता है, और वजन नियंत्रित रहता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद करता है।
व्रत रखने के फायदे के साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं। जिसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सबसे पहला नुकसान यह है कि आपके शरीर में कमजोरी आ सकती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है, क्योंकि व्रत के दौरान शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। व्रत के दौरान, लोग अक्सर मीठा खाते हैं, इससे मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो पहले से मधुमेह से पीड़ित हैं। मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी यह हानिकारक हो सकती है। इसलिए, जरूरी है कि व्रत के दौरान अपनी स्वास्थ्य स्थिति का ध्यान रखें।
बीमारी के दौरान, अगर आप व्रत करते हैं तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। शरीर में कमजोरी और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ सकती है। जो आपको अस्पताल के चक्कर लगवाने को मजबूर कर सकती है। अगर आप स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से परेशान रहते हैं तो व्रत करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इसके साथ ही व्रत के दौरान, भूखे रहने की कोशिश ना करें। समय-समय पर ड्राई फ्रूट्स, फल लेते रहें। लेकिन, अगर आप मधुमेह से पीड़ित हैं तो ड्राइ फ्रूट्स लेने से बचें।