नई दिल्लीः एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर भारत चीन सीमा के मसले पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चीन हमारी भूमि पर कब्जा करके बैठा है, अंदर घुस कर हमला कर रहा है लेकिन भारत सरकार चीन से निपटने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखा पा रही है। सीमा पर झड़प के मसले पर गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिए गए बयान की आलोचना करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 9 तारीख को यह झड़प होती है और खबर सामने आने के बाद 13 दिसंबर को सरकार इस पर बोलती है।
ओवैसी ने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री विदेश जाकर चीन के राष्ट्रपति से हाथ मिलाते हैं और चीन की सेना हमारी सीमा में घुसकर हमारे जवानों पर हमला करती है लेकिन यह सरकार कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखा रही है और सेना की बहादुरी के पीछे छुप रही है। उन्होंने कहा कि डोकलाम की घटना से सरकार ने कोई सबक नहीं लिया और चीन की सेना आज भी हमारी जमीन पर बैठी हुई है। भाजपा सांसद कह रहे हैं कि 8-10 लोग घायल हैं और सरकार को सांप सूंघ गया है। यह कौन सा राष्ट्रवाद है। अगर चीन की जगह पाकिस्तान होता तो इनका रवैया क्या ऐसा ही होता?
बता दें, 9 दिसंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई है। भारतीय सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि 9 दिसंबर को पीएलए के सैनिक अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में घुसे, जिसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को चोट आई हैं। भारतीय सेना के अनुसार दोनों देशों के सैनिक तत्काल घटनास्थल से पीछे हट गए हैं। झड़प के बाद शांति स्थापित करने के लिए इलाके के कमांडर ने चीनी समकक्ष के साथ फ्लैग स्तर की वार्ता भी की गई। भारतीय रक्षा अधिकारियों के अनुसार, अरुणाचल के तवांग में हुई झड़प में भारतीय सैनिकों के मुकाबले चीनी सैनिक अधिक संख्या में घायल हुए हैं।