Congress और SP सैद्धांतिक तौर पर कई मुद्दों पर साथ मिलकर लड़ रहे हैं : Randeep Surjewala

भोपालः कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी और समाजवादी पार्टी (सपा) सैद्धांतिक तौर पर देश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे मुद्दों पर साथ मिलकर लड़ रही हैं और संविधान तथा देश के लिए उनका ‘डीएनए’ एक ही है। सुरजेवाला की यह टिप्पणी मध्य प्रदेश में अगले महीने होने.

भोपालः कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी और समाजवादी पार्टी (सपा) सैद्धांतिक तौर पर देश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे मुद्दों पर साथ मिलकर लड़ रही हैं और संविधान तथा देश के लिए उनका ‘डीएनए’ एक ही है। सुरजेवाला की यह टिप्पणी मध्य प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच सार्वजनिक कलह के बीच आई है। दोनों दल विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में भागीदार हैं। उन्होंने कहा कि हम समय-समय पर अपने ‘इंडिया’ गठबंधन के मित्रों से बात करते रहे हैं। कभी-कभी उनके साथ (मुद्दों पर) समन्वय स्थापित हो जाता है और कभी-कभी नहीं भी हो पाता, लेकिन सैद्धांतिक तौर पर और नीतियों के लिहाज से हम देश में बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एक साथ मिलकर लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह ऐसा है जैसे एक पिता के चार बेटे हैं और वे सभी अलग-अलग घरों में रहते हैं; लेकिन संविधान और देश के लिए उनका ‘डीएनए’ वही रहेगा। सुरजेवाला ने संवाददाताओं से यह बात तब कही जब उनसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले कांग्रेस का सपा के साथ समझौता नहीं होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त करने को लेकर सवाल किया गया था। इससे पहले, यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी के नेताओं ने मध्य प्रदेश में एक बैठक के लिए कांग्रेस के कॉल का जवाब नहीं दिया होता अगर उन्हें पता होता कि ‘इंडिया’ गुट राष्ट्रीय स्तर तक ही सीमित है।

इस बारे में पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मीडियार्किमयों से कहा था कि ‘‘वे अखिलेश-वखिलेश के बारे में बात न करें।’’ सुरजेवाला ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले एक किलोवाट तक के बकाया बिजली बिलों को माफ करके और फिर उनकी सहमति के बिना स्वीकृत भार को बदलकर राशि की वसूली करके लोगों को धोखा दिया। इस छूट की घोषणा मुख्यमंत्री ने इसी साल अगस्त में नौगांव में एक कार्यक्रम में की थी। सुरजेवाला ने कहा कि चौहान की घोषणा के बाद, बिजली कंपनियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में 80 से 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं के स्वीकृत भार को उनकी अनिवार्य सहमति के बिना एक किलोवाट से दो किलोवाट तक बढ़ा दिया, ताकि उनके साथ धोखाधड़ी की जा सके।

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