एक्टर प्रकाश राज को ED का समन, पेश होने के आदेश…100 करोड़ रुपए के पोंजी घोटाले का मामला

नेशनल डेस्क: अभिनेता प्रकाश राज को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तिरुचिरापल्ली स्थित प्रणव ज्वेलरी ग्रुप के खिलाफ कथित 100 करोड़ रुपए के पोंजी और धोखाधड़ी मामले में समन भेजा है। प्रकाश राज (58) को पोंजी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। जांच तिरुचिरापल्ली स्थित एक साझेदारी फर्म प्रणव.

नेशनल डेस्क: अभिनेता प्रकाश राज को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तिरुचिरापल्ली स्थित प्रणव ज्वेलरी ग्रुप के खिलाफ कथित 100 करोड़ रुपए के पोंजी और धोखाधड़ी मामले में समन भेजा है। प्रकाश राज (58) को पोंजी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। जांच तिरुचिरापल्ली स्थित एक साझेदारी फर्म प्रणव ज्वेलर्स के खिलाफ एक मामले से संबंधित है। एजेंसी ने उस पर 20 नवंबर को छापा मारा था और 23.70 लाख रुपए की बेहिसाब नकदी और कुछ सोने के आभूषण जब्त करने का दावा किया था।

 

प्रकाश राज इस कंपनी के ब्रांड एंबेसडर रह चुके हैं, इसलिए अब उनसे पोंजी घोटाले में पूछताछ की जाएगी। उन्हें अगले हफ्ते चेन्नई में ईडी के सामने पेश होना होगा। सूत्रों के मुताबिक, ईडी प्रकाश राज का बयान दर्ज करना चाहती है और कंपनी द्वारा बेंगलुरु स्थित अभिनेता को किए गए कुछ कथित भुगतान और कुछ अन्य वित्तीय लेनदेन के बारे में जानना चाहती है। प्रकाश राज ने बेंगलुरु सेंट्रल सीट से 2019 में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार लोकसभा चुनाव भी लड़ा था हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली।

 

बता दें कि 20 नवंबर को ED ने तिरुचिरापल्ली स्थित प्रणव ज्वैलर्स पर छापेमारी की थी। ED ने इस कार्रवाई में प्रणव ज्वेलर्स के यहां कुछ कागजात मिले जिसमें करीब 23 लाख 70 हजार रुपए का संदिग्ध लेन-देन पाया है। इसके साथ ही ED ने 11 किलो 60 ग्राम सोने के गहने जब्त किए हैं। प्रकाश राज, प्रणव ज्वेलर्स का एंड्रोसेमेंट करते हैं इसलिए अब जांच में उन्हें भी नोटिस भेजा गया है।

 

ED ने बुधवारएक बयान में कहा, पुलिस शिकायत के अनुसार, प्रणव ज्वेलर्स और अन्य ने उच्च ‘रिटर्न’ के वादे के साथ सोने की निवेश योजना की आड़ में जनता से 100 करोड़ रुपए एकत्र किए। ED का दावा है कि प्रणव ज्वेलर्स ऐसे निवेशकों को राशि लौटाने में विफल रहा और फर्म (प्रणव ज्वेलर्स) और अन्य जुड़े व्यक्तियों ने सराफा/सोने के आभूषणों की खरीद की आड़ में सार्वजनिक धन को मुखौटा कंपनियों को हस्तांतरित करके जनता को धोखा दिया।

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