Farmer Protest : नई दिल्ली। अपनी मांग को लेकर एक बार फिर से देश का अन्नदाता मैदान में उतर चुका हैं। आज एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। इस बार, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेतृत्व में हजारों किसान नोएडा से संसद की ओर मार्च कर रहे हैं। उनके इस मार्च को रोकने के लिए पुलिसबल ने काफी इंतजाम किए हैं, लेकिन किसान बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ रहे हैं। इस दौरान कई वीडियो भी सामने आए हैं जो इस प्रदर्शन को दिखाते हैं।
विरोध प्रदर्शन और पुलिस की प्रतिक्रिया
आपको बता दें कि किसान संगठनों ने गौतमबुद्ध नगर में दलित प्रेरणा स्थल के पास जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान अपने ट्रैक्टरों और समर्थन में आई भीड़ के साथ आगे बढ़ते गए। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने 4000 जवानों को तैनात किया है और जगह-जगह बैरिकेड्स लगवाए हैं।
वाटर कैनन का उपयोग
हालांकि, पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन भी तैनात किया है। किसानों का ग्रुप महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली की ओर बढ़ रहा है, जिसके चलते वहां लंबा ट्रैफिक जाम लग गया है। पुलिस ने सुरक्षा के लिए तीन लेयर की व्यवस्था की है, और इस दौरान कई किसानों को हिरासत में भी लिया गया है। पुलिस और किसानों के बीच टकराव हो रहा है, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है। किसानों के प्रदर्शन पर पुलिस की कड़ी निगरानी है, जिसमें ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस की कोशिश है कि प्रदर्शन को काबू में किया जा सके और किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। पुलिस इस आंदोलन को शांत करना चाहते है।
किसानों की मांगें
वहीं इस आंदोलन को लेकर किसानों का कहना है कि सरकार और अफसरों के पास उनकी मांगों को पूरा करने का समय नहीं है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे अपने घर वापस नहीं लौटेंगे। उनका प्रमुख मुद्दा नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की मांग है।
मार्च की शुरुआत
किसान संगठनों ने पहले ही ऐलान किया था कि वे सोमवार को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। भारतीय किसान परिषद (BKP), किसान मजदूर मोर्चा (KMM), संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और अन्य संगठनों के नेतृत्व में किसानों का यह मार्च शुरू हुआ। बीकेपी नेता सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में किसानों का पहला जत्था नोएडा के महामाया फ्लाईओवर के नीचे से अपनी यात्रा शुरू कर चुका है।
इस मार्च से किसानों की नाराजगी साफ दिखाई दे रही है और वे अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं।