शिमलाः हिमाचल प्रदेश के चार विधायकों ने सरकारी सुविधा को दर किनार कर दिया। इन विधायकों में संजय अवस्थी, राजेश धर्माणी, विनोद सुल्तानपुरी और इनके अलावा भाजपा के शीर्ष व तेज तर्रार नेता डॉ. राजीव बिंदल को हराकर पहली बार नाहन के विधायक बने अजय सोलंकी शामिल हैं जिन्होंने पीएसओ लेने से इनकार किया है। इन्होंने सरकारी खर्च बचाने के उद्देश्य से पी.एस.ओ न लेने की घोषणा की है। स्मरण रहे संजय अवस्थी मुख्य संसदीय सचिव भी हैं। उनके इस निर्णय की जम-कर प्रशंसा की जा रही है। दुखद तथ्य हालांकि, यह है कि ऐसे प्रशंसनीय कदम जिसको जनसमर्थन मिलना चाहिए वह मिलता नहीं है। सोलन जिला से पहले भी मोहिन्द्र नाथ सोफत ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में बतौर मंत्री मिलने वाली कोठी लेने से इंकार करते हुए दो कमरो के फ्लैट में ही रहने को प्राथमिकता दी थी और कोई कर्मचारी भी नहीं रखा था।