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स्कूल न जाने वाले बच्चों को पुन: शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए सरकार कर रही अथक प्रयास: मुख्य सचिव

हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 12 (1) (सी) के प्रावधानों को लागू करने हेतु राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एसओपी के कार्यान्वयन के संबंध में वर्तमान स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूल न.

हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 12 (1) (सी) के प्रावधानों को लागू करने हेतु राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एसओपी के कार्यान्वयन के संबंध में वर्तमान स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूल न जाने वाले बच्चों को पुन: शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए अथक प्रयास कर रही है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित न रहे। इसके लिए हर स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है। मुख्य सचिव शुक्रवार को चंडीगढ़ में ‘आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन’ के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में श्रम, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

उन्होंने अधिकारियों को स्कूलों में बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने तथा आयोग के साथ भी जानकारी साझा करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि हरियाणा में स्कूल न जाने वाले 1575 बच्चों की पहचान की गई है, जिनमें से 787 को राज्य के विभिन्न स्कूलों में नामांकित किया गया है, जबकि दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया और बाकी बच्चों को राज्य सरकार की योजनाओं से जोड़ने का काम चल रहा है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्कूल न जाने वाले बच्चों की जिलेवार वर्तमान स्थिति को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बालस्वराज पोर्टल पर 28 जनवरी, 2023 तक अपलोड करने के निर्देश दिए।

इन बच्चों में विकलांग, घर से पढ़ाई करने वाले बच्चे, चाइल्ड लेबर, अनमैप्ड मदरसों और प्रवासी बच्चे और ऐसे बच्चे, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान दोनों या एकल माता-पिता को खो दिया है की जानकारी भी शामिल है। इसके अलावा, संबंधित विभाग भी निजी स्कूलों में नामांकित बच्चों, जिन्हें आरटीई अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के तहत लाभ नहीं मिल रहा है तथा सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को राज्य में खुले शेल्टर की संख्या की वर्तमान स्थिति, संस्थागत देखभाल में रखे गए और केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से जुड़े बच्चों की जानकारी भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

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