झज्जर में सडक़ों पर उतरी आशा वर्करज, विरोध स्वरूप नारेबाजी कर फूंका सीएम का पुतला

हरियाणा: पिछले करीब पखवाड़ेभर से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी आशा वर्करों ने शुक्रवार को सडक़ों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। काफी संख्या में यहां जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुई यह आशा वर्कर प्रदर्शन करते हुए व नारेबाजी करते हुए यहां राव तुलाराम चौक पर पहुंची। इस.

हरियाणा: पिछले करीब पखवाड़ेभर से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी आशा वर्करों ने शुक्रवार को सडक़ों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। काफी संख्या में यहां जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुई यह आशा वर्कर प्रदर्शन करते हुए व नारेबाजी करते हुए यहां राव तुलाराम चौक पर पहुंची। इस दौरान यह आशा वर्करज अपने हाथों में मुख्यमंत्री का पुतला लिए हुए थी। इस पुतले को उन्होंने यहां राव तुलाराम चौक पर फूक दिया। इस दौरान जबरदस्त नारेबाजी के बीच इन आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ अपनी जमकर भड़ास निकाली।

उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता के लिए उनके डेलीगेशन को बुलाती है। लेकिन वहीं पर उन्हें सरकार के अधिकारी धमकाते है। यह असहनीय है। उन्होंने कहा कि सरकार उनके डेलीगेशन से वार्ता करे और उन्हें धमकाना बंद करे। आशा वर्करों ने यह भी कहा कि सरकार यदि उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तो फिर सरकार हरियाणा की बीस हजार आशा वर्करों को जेल में डालने का काम करे। ताकि उनकी न सहीं सरकार की मंशा तो पूरी हो जाए। धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही प्रवेश ने बताया कि आंध्र प्रदेश,बिहार और एमपी के अलावा अन्य कई राज्यों में आशा वर्करों को सम्माननीय वेतन दिया जा रहा है। लेकिन हरियाणा सरकार इस मामले में कोताही बरत रही है। जोकि निंदनीय है। अपनी मांगों को एक बार फिर दोहराते हुए आशा वर्करों ने सरकार से साल 2018 के नोटिफिकेशन को जारी करने,सेवानिवृति की आयु 65 साल करने,हर साल महंगाई भत्ता बढ़ाने के अलावा न्यूनतम वेतन दिए जाने की मांग की।

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