हरियाणा में 1041 करोड़ रुपये की पांच मेगा परियोजनाओं को मंजूरी

चंडीगढ़: हरियाणा एंटरप्राइज प्रमोशन बोर्ड (एचईपीबी) ने राज्य में पांच मेगा परियोजनाओं के लिए लगभग 1041 करोड़ रुपये से अधिक के महत्वाकांक्षी प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की है।राज्य के मुख्यमंत्री ने इन मेगा परियोजनाओं के दोहरे लाभों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इससे न केवल राज्य में महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित होगा बल्कि 7100 से.

चंडीगढ़: हरियाणा एंटरप्राइज प्रमोशन बोर्ड (एचईपीबी) ने राज्य में पांच मेगा परियोजनाओं के लिए लगभग 1041 करोड़ रुपये से अधिक के महत्वाकांक्षी प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की है।राज्य के मुख्यमंत्री ने इन मेगा परियोजनाओं के दोहरे लाभों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इससे न केवल राज्य में महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित होगा बल्कि 7100 से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा। ये परियोजनाएं विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं।

मंजूर परियोजनाओं में नक्षत्र बायोफ्यूल्स इथेनॉल उत्पादन और पेट्रोल में इसके मिश्रण के लिए केंद्र सरकार के इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) के तहत 380 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। करनाल के इंद्री में प्रस्तावित यह परियोजना मुख्य फीडस्टॉक के रूप में टूटे चावल के अनाज से फस्ट जेनेरेशन इथेनॉल का उत्पादन करेगी। वहीं ऑर्गो फार्मा एंड फ्यूल्स थोक दवा निर्माण हेतु एक्टिव फार्मा इंग्रीडिएंट(एपीआई) उत्पादन में यमुनानगर के छछरौली में 107.21 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। राज्य सरकार कम्पनी को 18.16 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी।

ऑटो कम्पोनेंट निर्माण क्षेत्र की कम्पनी मिंडारिका प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम के फरुखनगर में 351 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस परियोजना से लगभग 2900 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। राज्य सरकार कम्पनी को 114.40 करोड़ रुपये का इंसेंटिव देगी। अन्य परियोजना में यूनोमिंडा ईवी सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड भी गुरुग्राम के फरुखनगर में 203 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस परियोजना न केवल राज्य में पूंजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लगभग 3643 रोजगार के अवसर पैदा होगे। सरकार इस कम्पनी को 126.45 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देगी।

ऑटोमोटिव क्षेत्र में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड को आईएमटी रोहतक में 100 एकड़ भूमि में अपनी अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) सुविधाओं का विस्तार करने की अनुमति दी गई है। यह विस्तार ऑटोमोटिव अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे ऑटोमोटिव उद्योग में हरियाणा की स्थिति और मजबूत होगी।

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