इजराइल पर हमास का हमला ‘नरसंहार’ के बाद यहूदियों के लिए सबसे घातक दिन: बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल पर हमास द्वारा किए गए बर्बर आतंकवादी हमले को यहूदियों के लिए ‘यहूदी नरसंहार’ (होलोकॉस्ट) के बाद का ‘‘सबसे घातक दिन’’ करार देते हुए कहा कि इसने सदियों तक की यहूदी विरोधी भावना और उनके खिलाफ नरसंहार की दर्दनाक यादों को ताजा कर दिया है। बाइडन ने कहा कि.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल पर हमास द्वारा किए गए बर्बर आतंकवादी हमले को यहूदियों के लिए ‘यहूदी नरसंहार’ (होलोकॉस्ट) के बाद का ‘‘सबसे घातक दिन’’ करार देते हुए कहा कि इसने सदियों तक की यहूदी विरोधी भावना और उनके खिलाफ नरसंहार की दर्दनाक यादों को ताजा कर दिया है। बाइडन ने कहा कि अमेरिका इजराइल के हालात पर लगातार बारीकी से नजर बनाए हुए है। इज़राइल ने सात अक्टूबर को अपने दक्षिणी हिस्सों में आतंकवादी समूह हमास द्वारा बहुस्तरीय (हवाई, जमीन और समुद्र) हमलों का सामना किया। हमास वर्ष 2007 से गाजा पट्टी पर काबिज है।

बाइडन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इजराइल में स्थिति की बहुत बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति और मैं तथा मेरी सुरक्षा टीम के अधिकतर सदस्यों ने आज सुबह फिर इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस हमले ने सदियों तक यहूदी विरोधी भावना और यहूदी लोगों के खिलाफ नरसंहार की दर्दनाक यादों और जख्मों को फिर से हरा कर दिया है।’’ इजराइल पर हमास के चौंकाने वाले हमले में 1200 से अधिक लोग मारे गए। जवाबी कार्रवाई के रूप में इजराइल की ओर से गाजा में किए गए हवाई हमले में करीब 1100 लोग मारे गए हैं।बाइडन ने यहूदी समुदाय के नेताओं से भेंट की और आतंकवादी हमलों पर इजराइल के प्रति अपने अटूट समर्थन की पुष्टि की।

बाइडन ने कहा, ‘‘यह हमला पूरी तरह से क्रूर अभियान था.. यहूदी लोगों के खिलाफ पूरी तरह से क्रूरता। और मैं इसे ‘यहूदी नरसंहार’ के बाद यहूदियों के लिए सबसे घातक दिन मानता हूं। मानव इतिहास के सबसे खराब अध्यायों में से एक।’’ व्हाइट हाउस में एकत्र यहूदी नेताओं से बाइडन ने कहा, ‘‘मेरा आशय है कि चुप्पी भी मिलीभगत है। ऐसा वाकई है। और मैं आपको बताना चाहता हूं, मुझे लगता है कि आपको पहले ही इसका पता है, कि मैं चुप नहीं रहता। मैं यह भी जानता हूं कि आप भी चुप रहने से इनकार करते हैं।’’ बाइडन ने कहा, ‘‘हमास जैसे आतंकवादी समूह दुनिया में न केवल आतंक, बल्कि केवल बुराई लेकर आए हैं, वह बुराई जो सबसे बदतर स्थिति को दिखाती है, और कुछ मामलों में आईएसआईएस (एक आतंकवादी संगठन) के सबसे भयानक अत्याचार के समान है या उससे भी अधिक है। इजराइल में 1,000 से अधिक आम नागरिकों की हत्या कर दी गई।’’

यहूदी नरसंहार (होलोकॉस्ट) द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी और उसके सहयोगियों द्वारा 60 लाख यहूदियों और लाखों अन्य लोगों की सरकार द्वारा प्रायोजित व्यवस्थित हत्या को संर्दिभत करता है। हमास के हमले की चपेट में कम से कम 22 अमेरिकी नागरिक भी आए।अमेरिका इजराइली रक्षा बलों को अतिरिक्त सैन्य सहायता मुहैया कर रहा है जिसमें गोला-बारूद और ‘इंटरसेप्टर’ शामिल हैं। अमेरिका ने एक विमानवाहक पोत को पूर्वी भूमध्य सागर के लिए रवाना किया है तथा इस क्षेत्र में और लड़ाकू विमान भेज रहा है।विदेश विभाग ने कहा कि मारे गए 22 अमेरिकी नागरिकों के अलावा इजराइल-फलस्तीन संघर्ष में कम से कम 17 और अमेरिकियों का पता नहीं है, जबकि हमास द्वारा बंधक बनाए गए 150 लोगों (अनुमानित संख्या) में भी कुछ अमेरिकी नागरिक हैं।

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