हरियाणा सरकार कर रही शिक्षा में सुधार: दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च स्तर तक की शिक्षा में बेहतरीन सुधार कर रही है। इसके लिए चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शिक्षा क्षेत्र को 20638 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला राजस्थान के नागौर के खरनाल गांव में जननायक लाइब्रेरी का उद्घाटन.

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च स्तर तक की शिक्षा में बेहतरीन सुधार कर रही है। इसके लिए चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शिक्षा क्षेत्र को 20638 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला राजस्थान के नागौर के खरनाल गांव में जननायक लाइब्रेरी का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने निर्माणाधीन वीर तेजाजी महाराज के मंदिर में पूजा अर्चना की। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा में भी ग्रामीण बच्चों के लिए लाइब्रेरी खोली जा रही है ताकि उनको घर के पास ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का माहौल और सुविधाएं मिल सकें। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जो कहा गया है कि पूर्व प्राथमिक से 12वीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों के लिए शिक्षा की सार्वभौमिक पहुंच और उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

इसी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सरकार ने विद्यालयों का दर्जा बढ़ाने का निर्णय लिया है। परिवार पहचान पत्र में 06 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के हर बच्चे की मैपिंग स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा शिक्षा के अवसरों से वंचित न रहे। सरकार ने छह प्रकार के सिविल कार्य करवाने का लिया था निर्णय : उपमुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2022-23 के दौरान सरकार ने छह प्रकार के सिविल कार्य नए कमरों का निर्माण, शौचालयों का निर्माण एवं मरम्मत, पेयजल सुविधा की व्यवस्था, स्कूल व चारदीवारी की मरम्मत एवं रखरखाव और मिट्टी भरने का निर्णय लिया था। सरकार ने अब इसके सफल कार्यान्वयन के बाद वर्ष 2023-24 में स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के माध्यम से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में इन कार्यों को निष्पादित करने का निर्णय लिया है।

राज्य में उच्चतर शिक्षा प्रणाली में हाल के वर्षों में प्रभावशाली सुधार आया है और यह आने वाले वर्षों में भी जारी रहने की उम्मीद है। हरियाणा में उच्चतर शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात वर्तमान में 32 प्रतिशत है। सरकार ने वर्ष 2030 तक इसे 40 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। वर्ष 2023-24 में मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में विद्युत वाहन, मैन्युफैक्तिचरंग, एविएशन, फार्मेसी और ग्रीन टेक्नोलॉजीज में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

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