हरियाणा में स्कूलों, घरों के ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन तारें हटेंगी: रणजीत

चंडीगढ़: हरियाणा के ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा है कि राज्य में स्कूलों और घरों के ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन तारों को शिफ्ट करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है।सिंह ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ये तारें बिजली नगर अपने खर्च पर.

चंडीगढ़: हरियाणा के ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा है कि राज्य में स्कूलों और घरों के ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन तारों को शिफ्ट करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है।सिंह ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ये तारें बिजली नगर अपने खर्च पर शिफ्ट करेंगे जिसके लिये लगभग 151 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा। अखिल हरियाणा बिजली निगम कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बारे उन्होंने बताया कि इसमें कुछ मांगे रखीं गईं जिन पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी नेताओं को भी तहजीब और मर्यादा नहीं तोड़नी चाहिए। यूनियन के नेता उनसे मिलने नहीं आए और अब जब उन्होंने समय मांगा तो हमने तुरंत समय देकर उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना है। इन सभी मांगों पर विचार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें यूनियन के पदाधिकारी भी शामिल रहेंगे।

बिजली मंत्री ने कहा कि 10 लाख नये स्मार्ट मीटर खरीदने के ऑर्डर दे दिए गए हैं। इनमें लगभग नौ लाख मीटर आ चुके हैं। सभी राज्यों के लिए केंद्र सरकार की एजेंसी को स्मार्ट मीटर खरीदने का काम सौंपा गया है। शीघ्र ही 20 लाख और स्मार्ट मीटर खरीदने का ऑर्डर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के तहत राज्य में इस वर्ष 70 हजार सौर नलकूप कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों का इसके प्रति रुझान बढ़ रहा है और यह संख्या लक्ष्य को पार भी कर सकती है। सौर ऊर्जा मामले में हरियाणा देश में दूसरे नम्बर पर है। उन्होंने कहा कि ढाणियों और डेरों में व्यवहार्यता को देखते हुए बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली प्रबंधन को बेहतर किया है और इसी का परिणाम है कि गत नौ वर्षों में हरियाणा में बिजली की दरें नहीं बढ़ाई गई हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है।

आई.एन.डी.आई.ए. अलायंस को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य में इसका कोई आधार नहीं है। चुनाव के नजरिये से केवल दो पार्टियों भाजपा और कांग्रेस की ही बात हो रही है। प्रजातंत्र में विचारों का विरोधाभास होना स्वाभाविक है लेकिन राजनेताओं का भविष्य जनता ही तय करती है। हर व्यक्ति अपने-अपने ढंग से आगे बढ़ने का प्रयास करता है। लेकिन आई.एन.डी.आई. अलायंस में बड़े कद का कोई नेता ही नहीं है और अभी से इस अलाइंस में नेताओं के दो-तीन धड़े बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा इस समय सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है और इससे अन्य पार्टियों को अपने अस्तित्व का खतरा हो गया है, इसलिए सब गठबंधन की ओर देख रहे हैं।

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