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सिरसा में सरपंचों ने ई-टेंडरिंग के विरोध में फुकें सीएम,डिप्टी सीएम के पुतले

सिरसा: ई-टेंडरिंग व राइट-टू रिकॉल कानून के खिलाफ आंदोलनरत सरपंचों ने मंगलवार को लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया। सरपंच शहीद भगत सिंह स्टेडियम में एकत्रित हुए जहां से रोष प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली के पुतले फूंके। इसी के साथ सरपंचों.

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सिरसा: ई-टेंडरिंग व राइट-टू रिकॉल कानून के खिलाफ आंदोलनरत सरपंचों ने मंगलवार को लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया। सरपंच शहीद भगत सिंह स्टेडियम में एकत्रित हुए जहां से रोष प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली के पुतले फूंके। इसी के साथ सरपंचों ने 30 मई को जींद में प्रदेश स्तरीय महारैली की घोषणा भी कर दी। इस दौरान हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की प्रदेश उपाध्यक्ष सरपंच संतोष बेनीवाल ने कहा कि देहात बचाओ आंदोलन चार माह से जारी है। आज प्रदेशभर में सभी जिलों में पुतले फूंकें जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी दो मुख्य मांगें है राइट-टू-रिकॉल कानून निरस्त किया जाए या विधायक-सांसदों पर भी यह लागू हो। ई-टेंडरिंग भी खत्म की जाए। उन्होंने कहा कि यह केवल मौजूदा सरपंचों की लड़ाई नहीं बल्कि पूरे गांव देहात की है। क्योंकि आगे फिर कोई और भी सरपंच बनेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि ई-टेंडरिंग के जरिए पंचायत के बजट पर नजर है और कमीशन का धंधा शुरु करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि 6226 पंचायतों में सरकार हजार सरपंच अपने पक्ष में इकट्ठा करके दिखा दे। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से कोई बातचीत नहीं की जा रही, उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती। उन्होंने बताया कि 30 मई को जींद में सरपंचों की महा रैली होगी। जिसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी। जंतर मंत्र पर धरना रत खिलाडिय़ों के साथ सरपंच हैं और वे शनिवार को वहां जाकर समर्थन देकर आए हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी आगे जो भी निर्णय लेंगे, सरपंच डट कर उनके साथ खड़ेंगे।

सरपंच संतोष बेनीवाल ने कहा कि आगामी16 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सिरसा आगमन पर जिलेभर के सरपंच डटकर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि सरपंच करोड़ रुपये खर्च कर सरपंच बने हैं। बेनीवाल ने कहा कि अगर करोड़ खर्च करके सरपंच बने हैं तो 2 करोड़ रुपये खर्च कर अपने गांव का विकास भी करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरपंच हर हाल में अपना हक लेकर रहेंगे।

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