झज्जर : छोटी पड़ी अनाज मंडी, 71 घंटे में भुगतान के सरकारी दावे हुए तार-तार

झज्जर मे सरकार के वह दावे हवा हवाई हो चले है। जिसमें सरकार ने किसानों को उनकी फसल का भुगतान फसल बेचने के अगले 72 घंटे में होने की बात कही है। झज्जर की अनाज मंडी में न तो बाजरे की फसल का उठान ही नहीं हो पा रहा है और न ही किसानों को.

झज्जर मे सरकार के वह दावे हवा हवाई हो चले है। जिसमें सरकार ने किसानों को उनकी फसल का भुगतान फसल बेचने के अगले 72 घंटे में होने की बात कही है। झज्जर की अनाज मंडी में न तो बाजरे की फसल का उठान ही नहीं हो पा रहा है और न ही किसानों को उनकी फसल का भुगतान समय पर ही हो पा रहा है,, जिसकी वजह से किसान और आढ़ती दोनों में ही आक्रोष है। बता दे कि इन दिनों झज्जर अनाज मंडी में बाजरे की आवक भरपूर है,लेकिन मंडी का स्थान छोटा होने और बाजरे की फसल का उठान समय पर न होने के चलते पूरी मंडी अब छोटी दिखने लगी है।

मंडी आढ़ती चांद सिंह,आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान हरेन्द्र सिलाना व उप प्रधान सोहन सिंह ने अपने अलग-अलग वक्तव्यमें कहा कि बेशक सरकार समय पर उठान व समय पर भुगतान का दावा कर रही है,लेकिन सरकार के दोनों ही दावे फेल है। उन्होंने इस दौरान सम्बंधित विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगाया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की हठधर्मी की वजह से ही किसानों और आढ़तियों का नुकसान हो रहा है। समय पर उठान न होने के चलते जहां अगली फसल के मंडी में आने की परेशानी बनी हुई है वहीं करोड़ों रूपए का भुगतान अटका होने की वजह से किसान व आढ़ती दोनों ही परेशान है। मंडी आढ़तियों ने शासन और प्रशासन से अपील की है कि वह मंडी से बाजरे की फसल का उठान कराने में तेजी लाए और किसानों को उनकी फसल का भुगतान जल्द से जल्द कराए।

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