भाजपा सरकार के नौ वर्ष: खट्टर ने नगर निगमों के महापौर व जिला अध्यक्षों का मानदेय बढ़ाने का किया ऐलान

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नगर निगमों के महापौर और सदस्यों, जिला परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों के मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि की बृहस्पतिवार को घोषणाएं की।मुख्यमंत्री ने 1957 के हिन्दी आन्दोलन में भाग लेने वाले मातृभाषा सत्याग्रहियों और आपातकाल पीड़ितों के लिए पेंशन राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने की.

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नगर निगमों के महापौर और सदस्यों, जिला परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों के मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि की बृहस्पतिवार को घोषणाएं की।मुख्यमंत्री ने 1957 के हिन्दी आन्दोलन में भाग लेने वाले मातृभाषा सत्याग्रहियों और आपातकाल पीड़ितों के लिए पेंशन राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने की भी घोषणा की।उन्होंने 10 जिलों की 190 कॉलोनियों को नियमित करने का भी ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने एक नवंबर से एक दिसंबर के बीच राज्य के विभिन्न राजमार्ग पर स्थित छह टोल प्लाजा को बंद करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे लोगों के सालाना तौर पर 13.50 करोड़ रुपये बचेंगे।

मनोहर लाल अपनी सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे।इस दौरान उन्होंने औपचारिक रूप से ‘प्राणवायु देवता पेंशन’ योजना की भी शुरुआत की, जिसके तहत 75 साल से अधिक पुराने पेड़ों के संरक्षकों को वृक्षों की देखभाल और रखरखाव के लिए 2,750 रुपये की वार्षकि पेंशन दी जाएगी।वन क्षेत्रों में स्थित वृक्ष इस योजना के अंतर्गत नहीं आएंगे।मुख्यमंत्री ने नगर निगमों, नगर परिषदों और समितियों के सदस्यों के मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की। खट्टर ने कहा कि यह निर्णय एक अक्टूबर, 2023 से प्रभाव से लागू होगा।

उन्होंने कहा कि पहले महापौरों को 20,500 रुपये मासिक मानदेय मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है। रुपये और पार्षदों का मानदेय 10,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया है।नगर परिषद अध्यक्ष का मानदेय 10,500 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने यमुनानगर में 800 मेगावाट के ताप विद्युत संयंत्र की स्थापना को मंजूरी दे दी है। उन्होंने यमुना सतलुज संपर्क नहर (एसवाईएल) के मुद्दे पर कहा कि नहर बनाना और पानी का बंटवारा करना दो अलग अलग मुद्दे हैं और मामले पर अलग रुख रखने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना की।

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