विज्ञापन

‘घोटालों वाली जो सरकार थी इसलिए उसको हर किसी में घोटाला लगता है’

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कांग्रेस सरकार पर प्रापर्टी आईडी विवाद में अब तक का तीखा हमला बोला है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी दलों खासकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ से प्रापर्टी आईडी में घोटाले के आरोप.

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कांग्रेस सरकार पर प्रापर्टी आईडी विवाद में अब तक का तीखा हमला बोला है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी दलों खासकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ से प्रापर्टी आईडी में घोटाले के आरोप बारे पूछा तो उन्होंने यूं जवाब दिया, ‘जिसका जैसा पास्ट होता है न, उसकी आंखों पर वही चश्मा होता है। घोटालों वाली जो सरकार थी इसलिए उनको हर किसी में घोटाला लगता है। अभी एक नई विधि-विधान लेकर आए थे कि हर एक प्रॉपर्टी की आईडी होनी चाहिए और यह इतना बड़ा काम था हरियाणा का। इस काम को करने के लिए हमने एक याशी कंपनी को लगाया। बाद में प्रापर्टी आईडी बारे जो शिकायतें मिली, उन गलतियों को ठीक करने का काम किया। लगभग 4.5 लाख के आसपास ऐसी प्रॉपर्टीज थी जिनमें कमियां पाई गई।

इसमें से एक लाख बची हैं और इन एक लाख में भी प्रॉपर्टी की शायद इतनी गलती नहीं है। जिसका नाम फोन नंबर वगैरह, छोटा मोटा साइज में कोई अंतर होगा।उस सारे को ठीक करने में डिपार्टमेंट लगा हुआ है। शिकायतें दूर करने के लिए हमने कैंप लगाए और अब धीरे-धीरे शिकायतें कम आने लगी हैं।’ दैनिक सवेरा ने पूछा कि प्रापर्टी आईडी बारे डाटा अलगअलग क्यों है? कभी पांच लाख कहा जाता है, कभी आठ लाख कहा जाता है और आज आपने 4.5 लाख बोल दिया है। वास्तविक डाटा क्या है। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता ने जवाब दिया, ‘केवल 4.54 लाख प्रापर्टीज का मामला है। लेकिन एक प्रॉपर्टी पर नाम गलत होने, मोबाइल नंबर गलत होने या प्लॉट का साइज गलत होने या किसी अन्य प्रकार की अलग-अलग प्रकार की आपत्तियां दर्ज हुई हैं।

इस तरह 4.54 लाख प्रापर्टीज पर लगभग 10 लाख आपत्तियां दर्ज हुई हैं यानी एक-एक प्रापर्टी पर कई-कई आपत्ति दर्ज हुई हैं। इन 4.54 लाख में से 3.5 लाख प्रापर्टीज की आपत्तियां ठीक हो चुकी हैं। अब सिर्फ एक लाख बची हैं। इनमें से भी 65000 ऐसी प्रापर्टीज हैं, जिन पर मालिकों को ही दस्तावेज जमा कराने हैं। शेष 35000 प्रापर्टीज की आपत्तियां जल्द दूर हो जाएंगी। अब यह फैसला हुआ है कि कोई भी नगर निकाय प्रॉपर्टी आईडी को रिजेक्ट नहीं करेगा। संबंधित मालिक से दस्तावेज मांगेगा उसके बाद उसे ठीक किया जाएगा। जहां तक याशी कंपनी के ऊपर कार्रवाई करने का सवाल है, अगर पांच फीसदी से ज्यादा गलतियां होंगी तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वैसे भी कंपनी से दूसरे चरण का काम वापस ले लिया है और उसके एग्रीमेंट खत्म हो गया है। जुर्माना लगाना होगा तो जुर्माना लगाएंगे। कोई और कार्रवाई करनी होगी तो की जाएगी।’

Latest News