आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ अरुण चंदन ने औषधीय पौधों, पर्यावरण संरक्षण तथा पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के बारे में बच्चों को दी विस्तृत जानकारी

आज राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक कन्या पाठशाला जोगिंदर नगर में आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ अरुण चंदन, क्षेत्रीय निदेशक भारतीय चिकित्सा प्रणाली संस्थान जोगिंदर नगर के द्वारा औषधीय पौधों, पर्यावरण संरक्षण तथा पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के बारे में बच्चों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पारंपरिक स्वास्थ्य संस्कृतियों को लोक आयुर्वेद के रूप में जाना जाता.

आज राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक कन्या पाठशाला जोगिंदर नगर में आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ अरुण चंदन, क्षेत्रीय निदेशक भारतीय चिकित्सा प्रणाली संस्थान जोगिंदर नगर के द्वारा औषधीय पौधों, पर्यावरण संरक्षण तथा पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के बारे में बच्चों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पारंपरिक स्वास्थ्य संस्कृतियों को लोक आयुर्वेद के रूप में जाना जाता है। उन्होंने हिमालय में पर्वतीय समुदायों के साथ काम करने के दौरान प्राप्त औषधीय पौधों से उपचार करने के अपने वर्षों के अनुभव को भी बच्चों के साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि हमारे आसपास हजारों प्रकार की औषधि वनस्पतियां है।उन्होंने बताया की हम दादी नानी के नुस्खों को पेटेंट भी करवा सकते हैं तथा इन्हें आजीविका के रूप में भी अपना सकते हैं। करोना काल में विदेशी मुल्कों का रुझान भी औषधीय पौधों ने खींचा है। उनका कहना है कि स्थानीय हर्बल संस्थान औषधीय पौधों की खेती और जैव संसाधन के माध्यम से हरित स्वास्थ्य को बढ़ावा देने को अपना पेशा बना सकते हैं।साथ ही इसे स्वास्थ्य पर्यटन के रूप में भी अपना व्यवसाय बना सकते हैं।

इस दौरान टेकचंद ठाकुर तकनीकी सलाहकार ने राष्ट्रीय कौशल विकास पहल की आवश्यकता के रूप में औषधीय पौध आधारित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और प्रमाणन के संबंध में स्कूल के साथ जुड़ने की संभावनाओं और तौर तरीकों पर चर्चा की। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम का हिस्सा होने के संबंध में भी बच्चों को जानकारी दी। इस अवसर पर कन्या पाठशाला के प्रधानाचार्य डॉ सुनील ठाकुर ने डॉ अरुण चंदन व टेक चंद ठाकुर का महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने पर उनका धन्यवाद किया।

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