धर्मशाला : टीचर इलैजिबिजिटी टैस्ट (टैट) देने वाले हिमाचल प्रदेश के हजारों युवाओं के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि आने वाले समय में टैट का डिफिकलिटी लेवल थोड़ा कम किया जा सकता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थी इसे पास कर पाएं। यह बात प्रदेश शिक्षा बोर्ड के नए सचिव डा. विशाल शर्मा ने कहीं। डा. विशाल शर्मा ने कार्यभार संभालते ही प्राथमिकताएं तय कर ली हैं। वह सबसे ज्यादा फोकस टीचर इलैजिबिजिटी टैस्ट (टैट)पर करने जा रहे हैं। उन्होंने माना कि टेट का डिफिकलिटी लैवल काफी ज्यादा होता है। इसे कम करना होगा। इसके लिए उन्होंने तर्क दिया कि यह तो जॉब के लिए पात्रता परीक्षा है। इसे थोड़ा आसान होना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा को सही तरीके से करवाना उनका प्रमुख लक्ष्य है।
टीचर इलैजिबिलिटी टैस्ट में कई बार सिलेबस से ऊपर के लेवल के सवाल भी डाले जाते हैं। इससे इस परीक्षा का परिणाम बेहद कम आता है। विशाल शर्मा ने कहा कि पात्रता परीक्षा आसान होनी चाहिए। असल परीक्षा तो बाद में होती है। एक अन्य सवाल पर विशाल शर्मा ने कहा कि बोर्ड की परीक्षाओं को समय पर करवाना दूसरी चुनौती है। इसे वह बड़ी चुनौती मानते हैं। इसमें प्रश्र पत्रों में गलितयां न हों, यह भी बड़ा चुनौतीभरा काम है। कई बार प्रश्न पत्रों में गलितयां होने से बाद में बोर्ड को ग्रेस मार्क्स देने पड़ते हैं। इन त्रुटियों से हमें बचना होगा। उन्होंने तीसरी चुनौती के तौर पर स्कूलों में समय पर पुस्तकें को पहुंचाने की बात कही। उन्होंने कहा कि समय पर स्कूलों में किताबें नहीं पहुंचेंगी, तो पढ़ाई कैसे चलेगी।
कर्मचारियों की परफार्मेस को भी देखूंगा
डा. विशाल शर्मा ने कहा कि बोर्ड में साढ़े तीन सौ के करीब कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि वह बारीकी से काम पर नजर रखेंगे। इस दौरान जहां काम में कमी पाई जाएगी, उसी जगह के कर्मियों को इधर उधर किया जाएगा।
हमीरपुर जैसी दिक्कत नहीं आएगी
डा. विशाल शर्मा ने कहा कि हमीरपुर चयन आयोग में जो हुआ वह दुखद है। शिक्षा बोर्ड में ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। गोपनीयता का ध्यान रखा जाएगा। सीक्रेसी ब्रांच के कर्मी समय-समय पर बदले जाएंगे, ताकि किसी प्रकार की कोताही की गुंजाइश न रहे।
2022 में 25.85 अभ्यर्थी ही पास पाए थे टेट
2022 में 44 142 अभ्यिर्थयों ने अध्यापक पात्नता परीक्षा (टेट) की परीक्षा दी थी। इसमें से 32727 अभ्यर्थी परीक्षा पास नहीं कर पाए हैं, जबकि 11415 अभ्यिर्थयों ने परीक्षा पास की है। ओवरआल परिणाम 25.85 फीसद रहा है। सबसे खराब परिणाम टीजीटी नान मेडिकल और पंजाबी का रहा है। नॉन मैडीकल का 10 फीसदी है, जबकि पंजाबी का 6.92 रहा है। इसी तरह शास्त्री की 31.22, टीजीटी नान मेडिकल की 10, एलटी 35.19, टीजीटी आट्र्स की 26.50, टीजीटी मेडिकल 18.01 और उर्दू टेट की पास प्रतिशतता 14.29 प्रतिशत रही है।