CM सुखविंदर सुक्खू शिमला में वित्त विभाग के आला अफसरों के साथ करेंगे बैठक, OPS बहाली के ड्राफ्ट पर होगी चर्चा

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू क्वारेंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद दिल्ली से आज शिमला लौटेंगे। शिमला लौटते ही सुखविंद्र सिंह सुक्खू एक्शन मोड में नजर आएँगे। मुख्यमंत्री के शिमला पहुंचने से पहले ही उनकी वित्त विभाग के आला अफसरों के साथ बैठक तय हुई हैै। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में.

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू क्वारेंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद दिल्ली से आज शिमला लौटेंगे। शिमला लौटते ही सुखविंद्र सिंह सुक्खू एक्शन मोड में नजर आएँगे। मुख्यमंत्री के शिमला पहुंचने से पहले ही उनकी वित्त विभाग के आला अफसरों के साथ बैठक तय हुई हैै। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में मुख्य सचिव आरडी धीमान के अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना व वित्त विभाग के सचिव अक्षय सूद उपस्थित रहेंगे। सनद रहे कि आईएएस अक्षय सूद को सरकार ने ओपीएस बहाली का ड्राफ्ट तैयार करने का जिम्मा सौंपा है।

सूत्रों से मालूम हुआ है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अफसरों के साथ ओपीएस बहाली के ड्राफ्ट पर चर्चा करेंगे। वित्त विभाग ने ओपीएस बहाली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने एनपीएस कार्मिकों को ओपीएस बहाली की गारंटी दी थी। गारंटी को पूरा करने बारे फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिए जाने की बात मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू कह चुके हैं। मगर इस मुद्दे को कैबिनेट के समक्ष चर्चा के लिए ले जाने से पहले मुख्यमंत्री ड्राफ्ट पर चर्चा करना चाहते हैं। चर्चा के दौरान ड्राफ्ट में कोई कमी दिखाई देने पर मुख्यमंत्री अफसरों को अंतिम निर्णय लेने से पहले इसकी दुरुस्तगी बारे कहेंगे। ओपीएस बहाली का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले वित्त विभाग के अधिकारियों ने इस पर चर्चा की। ओपीएस बहाली की कवाद के तहत अफसरों ने राजस्थान , छत्तीसगड़ व पंजाब के मसौदों का अध्ययन किया है।

28 दिसंबर को सचिवालय में ही एनपीएस कर्मचारियों के साथ भी बैठक रखी गई है। उसमें सरकार इन कर्मचारियों से उस मसौदे पर चर्चा करेगी जो उन्होंने तैयार कर लिया है। इस मसौदे में क्या-क्या प्रावधान किए जा रहे हैं इनकी जानकारी एनपीएस कर्मचारियों की यूनियन के पदाधिकारियों को दी जाएगी। इन पदाधिकारियों से उनकी राय भी ली जाएगी जिसके बाद कैबिनेट के लिए मामला भेजा जाएगा। सरकार चाहती है कि कर्मचारियों जिनके लिए व्यवस्था को बदला जा रहा है उनकी राय लेकर ही आगे बढ़ा जाए।अब वित्त विभाग अपना प्रस्ताव सबके सामने रखेगा जिसपर कर्मचारियों के राय के साथ अमूलचूल बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में अब इंतजार केवल पहली कैबिनेट बैठक का किया जा रहा है।

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