1500 करोड़ का कर्ज लेगी Himachal सरकार, 25 जनवरी को खजाने में आएगी रकम

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार 1500 करोड़ का कर्ज लेगी। प्रतिबद्ध दायित्वों के निर्वाहन के साथ साथ विकास कार्यो को जारी रखने के लिए सरकार कर्ज ले रही है। कर्ज की 1500 करोड़ की रकम में से 700 करोड़ का भुगतान 13 साल अर्थात 2036 तक करना होगा। बाकी.

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार 1500 करोड़ का कर्ज लेगी। प्रतिबद्ध दायित्वों के निर्वाहन के साथ साथ विकास कार्यो को जारी रखने के लिए सरकार कर्ज ले रही है। कर्ज की 1500 करोड़ की रकम में से 700 करोड़ का भुगतान 13 साल अर्थात 2036 तक करना होगा। बाकी की 800 करोड़ की रकम का भुगतान 2038 तक करना होगा। वित्त विभाग की तरफ से राजपत्र में कर्ज लेने की अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश सरकार की माली हालत पटरी से उतरी हुई है। आय के साधन सीमित होने की वजह से विकास कार्यो के साथ साथ प्रतिबद्ध देनदारियों का निपटारा करने के लिए हिमाचल सरकार सालों से कर्ज के सहारे है।

सरकार ने 14वीं विधान सभा के पहले सत्र में कर्ज लेने की सीमा को को बढ़ाया था। कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने के बाद सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6 फीसदी तक कर्ज ले सकती है। कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने के बाद सुखविंदर सरकार पहली मर्तबा कर्ज ले रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते दिनों कहा था कि प्रदेश 75 हजार करोड़ के कर्ज के बोझ तले दबा है। 1500 करोड़ के कर्ज की राशि खजाने में आने के बाद प्रदेश पर कर्ज का बोझ 76 हजार करोड़ से अधिक होगा।

सरकार ने कर्मचारियों व पेंशनरों को छठे पंजाब वेतन आयोग के एरियर का करीब 9 हजार करोड़ का भुगतान करना है। इसके अलावा कार्मिकों को महंगाई भत्ते की 7 फीसदी रकम का भुगतान करना है। महंगाई भत्ते के भुगतान के लिए भी सरकार को करीब एक हजार करोड़ की रकम चाहिए। सरकार के आमदन के साधन सीमित होने तथा केंद्र से जीएसटी मुआवजा मिलना बंद होने के बाद से खजाने पर दबाव और बढ़ा है। हालांकि आय के साधन बढ़ाने के विकल्प के तौर पर सरकार ने डीजल पर वैट को बढ़ाया है तथा अन्य संसाधन भी सरकार तलाश रही है। मगर मौजूदा माली हालत में सरकार के पास कर्ज लेने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं।

सरकार ओपीएस बहाली का फैसला ले चुकी

कांग्रेस की चुनावी गारंटियों को पूरा करने की तरफ आगे बढ़ते हुए सरकार ओपीएस बहाली का फैसला ले चुकी है। ओपीएस बहाली बारे मानक संचालन प्रक्रिया के तहत नियम व शर्तो को तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं कह चुके हैं कि ओपीएस बहाली से सरकारी कोष पर 800 से 900 करोड़ रुपए सालाना बोझ पड़ेगा। इसी तरह कांग्रेस सरकार ने 18 से 60 साल की महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देने के लिए कमेटी गठित की है। अब इसको लागू करने से प्रदेश सरकार पर कितना बोझ पड़ेगाए इसका आकलन किया जाना बाकी है। इसके अलावा सरकार ने प्रदेश के लोगों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने तथा युवाओं को स्टार्ट अप के लिए 680 करोड़ रुपए का फंड देना है।

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