जंगल में हो रही अवैध कटाई, विभाग के कर्मचारी ही अपनी चांदी कूटने में व्यस्त

ज्वाली : वन विभाग ज्वाली के अंतर्गत बीट सिद्धपुरघाड़ के जंगल में अंधाधुंध कटान हो रहा है, लेकिन जंगल की रक्षा के लिए तैनात कर्मचारी अपनी ही चांदी कूटने में व्यस्त है। सिद्धपुरघाड़ के जंगल में 6-7 बेशकीमती शीशम के पेड़ और एक सफेदा का वृक्ष कुल्हाड़ी के शिकार बने लेकिन विभाग के आला अधिकारी.

ज्वाली : वन विभाग ज्वाली के अंतर्गत बीट सिद्धपुरघाड़ के जंगल में अंधाधुंध कटान हो रहा है, लेकिन जंगल की रक्षा के लिए तैनात कर्मचारी अपनी ही चांदी कूटने में व्यस्त है। सिद्धपुरघाड़ के जंगल में 6-7 बेशकीमती शीशम के पेड़ और एक सफेदा का वृक्ष कुल्हाड़ी के शिकार बने लेकिन विभाग के आला अधिकारी कुंभकर्ण की नींद सोय हुए है। गुप्त सूत्रों के हवाले से पता चला है कि सिद्धपुरघाड़ बीट के वन रक्षक द्वारा इन पेड़ों को कटवा कर कहीं बेच दिया जाता है क्योंकि न तो यह पेड़ गार्ड खाने में जमा है और न ही कौप्रोरेशन के अधीन है। इस मामले की गहनता से जांच पड़ताल होनी चाहिए।

बता दें कि एक 10- 12 फुट का शीशम का पेड़ जोकि मैंरा में मेन सड़क के किनारे रेलवे फाटक और बूहल खड्ड के पुल के मध्य स्थित था दिन दहाड़े कत्लेआम का शिकार हुआ। उसे दिन दहाड़े सिद्धपुरघाड़ बीट के वन रक्षक द्वारा कटवा कर ट्रैक्टर पर लाद कर गार्ड खाने लाया गया था लेकिन वो शीशम का पेड़ न तो गार्ड खाने में है और न ही कॉर्पोरेशन के हवाले किया गया। अब सवाल यह उठता है कि अगर यहां रखा गया था और वहां से अगर गायब है तो निसंदेह उसे बेचा गया हो। कुछ सूत्रों के हवाले यह भी मालूम हुआ कि उसे किसी आरे वाले के पास बेचा गया। बड़े हैरत की बात है कि अगर बाड़ ही खेत की फसल को खाना शुरू कर दे तो उस बाड़ का क्या महत्व। दूसरा कि मुख्यमंत्री के विभाग में ही इतनी बड़ी धांधली हो रही है तो अन्य विभागों का क्या हाल होगा।

यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि ऐसे कर्मचारियों पर लगाम न कसी तो कुछ ही सालों में जंगल साफ हो जाएंगे और फिर स्वच्छ सांस लेने के भी लाले पड़ जाएंगे इसलिए बुद्धिजीवी वर्ग ने हिमाचल सरकार के मुख्यमंत्री सुखिवंदर सिंह सुक्खू से गुहार लगाई है कि ऐसे बेशुमार कीमती पेड़ों पर अत्याचार करने वाले कर्मचारियों पर शिकंजा कसा जाए ताकि जंगल सुरिक्षत रह सके। इस बारे जब रेंज ऑफिसर सौरभ शर्मा से बात हुई तो उन्होंने बताया कि इस बारे मुझे कोई जानकारी नहीं थी, केवल आपके माध्यम से पता चला है। फिलहाल मैं 6-7 दिन की ट्रेनिंग पर हूं। अगर ऐसा कोई मामला पाया गया तो उसकी सख्त से सख्त करवाई अम्ल मैं लाई जाएगी।

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