Rajasthan और Chhattisgarh में हार के लिए कर्मचारियों को दोष देना गलत : संजीव गुलेरिया

नूरपुर (पंकज कौशल) : न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजीव गुलेरीया ने मीडिया में चल रही खबरों में जिसमें यह कहा जा रहा की पेंशन लेने के बाबजूद कर्मचारियों ने कांग्रेस को वोट नहीं किया उसको सिरे से ही नकार दिया और अपना विरोध दर्ज करते हुए आज.

नूरपुर (पंकज कौशल) : न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजीव गुलेरीया ने मीडिया में चल रही खबरों में जिसमें यह कहा जा रहा की पेंशन लेने के बाबजूद कर्मचारियों ने कांग्रेस को वोट नहीं किया उसको सिरे से ही नकार दिया और अपना विरोध दर्ज करते हुए आज यहां प्रैस वार्ता में कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने पेंशन बहाली करके कर्मचारियों को जीत का तोहफा दिया है। तो ऐसे में कर्मचारियों को इस हार के लिए दोष देना बिलकुल गलत है, क्याेंकि राजस्थान के कुल वोटर 5 करोड़ हैं और कर्मचारियों की संख्या महज 9 लाख है और छत्तीसगढ़ में कुल वोटर 40 लाख है, जबकि कुल कर्मचारी डेढ़ लाख के करीब हैं ऐसे में कर्मचारी ही हार के लिए दोषी नहीं हो सकते।

न्यू पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजीव गुलेरीया ने अपने दावे की पुष्टी के लिए कह कि राजस्थान के पहले 38 विधानसभा क्षेत्रों के पोस्टल वोट के परिणाम के आंकड़े बताते हुए कहा की राजस्थान के पहले 38 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को कुल 12 सीट मिली, परन्तु 38 में से 30 सीटों पर पोस्टल वोट लीड कांग्रेस पार्टी को मिली है और यह लीड कांग्रेस की नहीं अपितु ओपीएस कर्मचारियों की ही है, क्योंकि पोस्टल बैलेट कर्मचारी अधिकारी वर्ग ही डालता है, तो ऐसे में कर्मचारी कैसे दोषी हो सकते हैं।

डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा की ऐसे ही हर कोई इन सभी राज्यों के पोस्टल वोट के नतीजे चेक कर सकता हैं। हिमाचल प्रदेश में हुए चुनावों में भी पोस्टल बैलेट पेपर लीड अधिकतर कांग्रेस के ही पक्ष में रही है, जो पेंशन देने वाली पार्टी भी हैं। उन्होंने कहा की तेलंगाना में अब कांग्रेस की सरकार बनते ही तेलंगाना के कर्मचारियों में भी पेंशन की आस जगी है। न्यू पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजीव गुलेरीया ने कहा कि अगर राजस्थान छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बंद करने की गलती करी तो आगामी लोकसभा चुनाव में रोजगार से वंचित करोड़ों की तादाद में युवा पीढ़ी मोदीजी का बहिष्कार करेंगे और तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का सपना सपना बन के ही रह जाएगा।

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