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इंडी कांग्रेस नेताओ पर हो कड़ी कार्यवाही, उपराष्ट्रपति का अपमान सहन नही: भाजपा

शिमला (गौरव जैन) : भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश द्वारा शिमला में एक धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया उसके उपरांत एडीएम कानून व्यवस्था और राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया। पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज के महामहिम उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के माननीय सभापति जगदीप धनखड़ का घमंडिया नेताओं ने जिस तरह उपहास किया, वो.

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शिमला (गौरव जैन) : भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश द्वारा शिमला में एक धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया उसके उपरांत एडीएम कानून व्यवस्था और राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया। पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज के महामहिम उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के माननीय सभापति जगदीप धनखड़ का घमंडिया नेताओं ने जिस तरह उपहास किया, वो सिर्फ एक व्यक्ति या पद नहीं बल्कि भारतीय संविधान के अपमान की पराकाष्ठा है। इस अमर्यादित व्यवहार से पूरी संसद की गरिमा भंग हुई है। कल्याण बनर्जी द्वारा संसद भवन परिसर के अंदर ही राज्यसभा के सभापति का अपमानजनक नक़ल करना, घमंडिया गठबंधन के सांसदों द्वारा ठहाके लगा कर सार्वजानिक मजाक उड़ाना और एक नामदार युवराज द्वारा उसका वीडियो बनाना, उस पर हंसना- ये सब दिखाता है कि इंडी लोगों की मानसिकता किस स्तर पर आ गई है। विपक्ष की ये हरकत दिखाती है कि आखिर क्यों वे सस्पेंडेड हैं। एक तरह से घमंडिया गठबंधन के सासंद अपने सस्पेंशन को जस्टिफाई ही कर रहे हैं।

मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा की विपक्ष के व्यवहार से लगता है कि उन्होंने विपक्ष में ही रहने का पक्का मन बना लिया है। उनके चाल, चरित्र और सोच से यही झलकता है। अगर उनका यही हाल रहा तो विपक्ष आज जहां है, अगले चुनाव में वहां से भी पीछे हो जायेंगे। क्या जगदीप धनखड़ का अपमान कांग्रेस और इंडी नेताओं ने क्या इसलिए किया कि वे बड़े परिवार से नहीं आते, क्या इसलिए किया कि वे एक साधारण जाट समाज से आते हैं? क्या इसलिए किया कि वे महज एक किसान के बेटे हैं? और अगर ऐसा नहीं है तो क्यों राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अधीर रंजन चौधरी और खुद कल्याण बनर्जी माफी मांगने के बजाए मुद्दे को भटका रहे हैं। खडगे साहब कह रहे हैं कि सदन में जाति की बात नहीं करनी चाहिए जबकि राहुल गाँधी स्वयं सदन में जाति की राजनीति करते हुए लंबा लंबा स्पीच देते हैं।

प्रत्याशी संजय सूद ने कहा ओबीसी समाज के खिलाफ कांग्रेस की नफरत जगजाहिर है। राहुल गाँधी ने तो ओबीसी को सरेआम गाली दी और माफी भी नहीं मांगी। चुनावों में तो ओबीसी की राजनीति करते नहीं थकते लेकिन रियल लाइफ में ओबीसी का अपमान करते नहीं थकते। विपक्षी नेताओं द्वारा संवैधानिक पद का अपमान पहली बार नहीं किया गया है। जब एक आदिवासी परिवार से निकली बेटी राष्ट्रपति पद पर प्रतिष्ठित हुई थी, तब भी कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन के नेताओं ने उनका अपमान किया था। 20 वर्षों से ये आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी को गाली दे रहे हैं।

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