बहादुरगढ़ में किसानों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ निकाला ट्रैक्टर मार्च

बहादुरगढ़ (कुलवीर दीवान): केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ बनने वाले हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का मुआवजा बढ़ाने के लिए किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। 37 दिन से किसान केएमपी के मांडोठी टोल प्लाजा पर धरना दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भी 10 फरवरी तक मुआवजा बढ़ाने का आश्वासन दिया था लेकिन जब मुख्यमंत्री का.

बहादुरगढ़ (कुलवीर दीवान): केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ बनने वाले हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का मुआवजा बढ़ाने के लिए किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। 37 दिन से किसान केएमपी के मांडोठी टोल प्लाजा पर धरना दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भी 10 फरवरी तक मुआवजा बढ़ाने का आश्वासन दिया था लेकिन जब मुख्यमंत्री का आश्वासन भी पूरा नहीं हुआ तो किसानों ने सड़क पर प्रदर्शन की राह पकड़ ली है। किसानों ने ट्रैक्टर ट्रॉली पर सवार होकर झज्जर तक प्रदर्शन किया।

किसानों के ट्रैक्टर प्रदर्शन में काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई। ढोल नगाड़ों के साथ शुरू हुए किसानों के ट्रैक्टर प्रदर्शन में महिलाएं अपने घरों से थाली, बेलन और चम्मच लेकर आई। ट्रॉली में बैठी महिलाओं ने प्रदर्शन के दौरान पूरे रास्ते ताली और थाली बजाकर अपना विरोध जताया। महिलाओं ने कहा कि वे ताली और थाली बजाकर सरकार को जगाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वायदा करके भी मुआवजा नहीं बढ़ाया इसलिए घरों से थाली और चम्मच लेकर बजाते हुए सरकार और प्रशासन को जगाने आई है।

केएमपी पर स्थित मांडोठी टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसानों ने रेल कॉरिडोर का मुआवजा बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी। उस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने 10 दिन के अंदर मुआवजा बढ़ाने का आश्वासन किसानों को दिया था। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि जो मांगे केंद्र के स्तर की हैं उन मांगों को पूरा करवाने के लिए हरियाणा सरकार केंद्र को चिट्ठी लिखेगी। लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी ना तो सरकार की ओर से केंद्र को चिट्ठी लिखी गई और ना ही किसानों का मुआवजा बढ़ाया गया। जिससे किसानों में भारी रोष है।

किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि प्रदर्शन के जरिए डीसी को ज्ञापन सौंपा जा रहा है। केएमपी टोल पर किसानों का धरना लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर जल्द मांगे पूरी नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। साथ ही उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मुआवजा मिले 10 करोड़ अभी निकलेंगे रेल और रोड।

रेल कॉरिडोर का मुआवजा बढ़ाने के साथ-साथ किसान इस आंदोलन के जरिए अपनी 10 मांगे मनवाना चाहते हैं। किसान चाहते हैं कि हरियाणा का अलग हाईकोर्ट बने, हरियाणा को एसवाईएल का पानी मिले, पंजाब में शामिल 108 हिंदी भाषी गांव हरियाणा में शामिल किए जाएं। इतना ही नहीं उन्होंने दीनबंधु सर छोटू राम, चौधरी देवी लाल, जाट कवि मेहर सिंह को भारत रतन दिलवाने की भी मांग की है।

हम आपको बता दें कि केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ-साथ प्रदेश का बहुत ही महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनने जा रहा है। इसके लिए सोनीपत, झज्जर, गुडगांव और पलवल जिले के किसानों की जमीनों का अधिग्रहण सरकार कर रही है। बात की जाए अगर अकेले झज्जर जिले की तो यहां 17 गांव के किसानों की करीब 146 हेक्टेयर जमीन एक्वायर की गई है। जिसके लिए किसानों का करीब 340 करोड रुपए के मुआवजा घोषित किया है। जिसे किसान बेहद कम बता रहे हैं। अब किसान 10 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की मांगों की और कब तक ध्यान देती हैं। यह देखने वाली बात होगी।

- विज्ञापन -

Latest News