यह अभ्यास उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना, संयुक्त सामरिक अभ्यास और विशेष हथियार कौशल की बुनियादी बातों पर केंद्रित होगा। अभ्यास के दौरान किए जाने वाले सामरिक अभ्यास में अस्थायी ऑपरेटिंग बेस की स्थापना, एक इंटेलिजेंस, निगरानी और टोही (आईएसआर) ग्रिड बनाना, मोबाइल वाहन चेक पोस्ट स्थापित करना शामिल होंगे।’आत्मनिर्भर भारत’ पहल और देश की बढ़ती रक्षा औद्योगिक क्षमता को प्रदर्शित करने वाले एक हथियार और उपकरण प्रदर्शन का भी आयोजन किया जाएगा।
यह अभ्यास वैकल्पिक रूप से भारत और जापान में आयोजित किया जाता है। दोनों पक्षों की टुकड़ी में 40-40 जवान शामिल हैं। जापानी दल का प्रतिनिधित्व 34वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट के सैनिकों द्वारा किया जा रहा है और भारतीय सेना दल का प्रतिनिधित्व राजपूताना राइफल्स की एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है। इस अभ्यास से दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन क्षमता और सौहार्द्र विकसित करने में भी मदद मिलेगी। इससे रक्षा सहयोग का स्तर बढ़ेगा और दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा।